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खेलचीन

"काश, मैं मर्द होती", माहवारी से मैच हारने वाली चीनी खिलाड़ी

३१ मई २०२२

चीन की टेनिस खिलाड़ी जेंग किनवेन के बहाने दुनिया एक बार फिर माहवारी के दौरान महिलाओं को होने वाले दर्द और उससे जुड़ी तकलीफ पर बात कर रही है. जेंग को इतना दर्द हुआ कि वह मैच ही हार गईं.

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Tennis I  Zheng Qinwen
फ्रेंच ओपेन के नवें दिन अपने मैच के दौरान जेंगतस्वीर: Ibrahim Ezzat/NurPhoto/IMAGO

चीन की टेनिस खिलाड़ी जेंग किनवेन ने फ्रेंच ओपन के दौरान अपने मैच में हार के बाद एक बड़ी बात कही – काश, मैं मर्द होती. जेंग को इस मैच में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ईगा श्वियांटेक से हार मिली. यह हार दर्दनाक थी, मानसिक रूप से भी और शारीरिक रूप से भी.

मानसिक रूप से इसलिए क्योंकि किनवेन ने मैच में पहला सेट 7-6 से जीतकर शानदार शुरुआत की थी. दुनिया की 74 नंबर की इस खिलाड़ी ने वह कर दिखाया था जो अब तक कोई अन्य खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में नहीं कर पाई थी. इससे पहले, श्वियांटेक एक भी सेट नहीं हारी थीं और जेंग ने उन्हें पहला सेट हरा दिया था.

Tennis I  Zheng Qinwen
तस्वीर: Ibrahim Ezzat/NurPhoto/IMAGO

लेकिन सोमवार शाम खेले गए इस मैच के दूसरे और तीसरे सेट में श्वियांटेक ने बहुत आसानी से जेंग को मात दे दी. वह 0-6, 2-6 से मैच हार गईं. सिर्फ 19 साल की जेंग को मैच के दौरान पीरियड्स के चलते क्रैंप्स हुए और उन्हें मेडिकल ब्रेक लेना पड़ा. हालांकि यह ब्रेक उन्होंने अपनी घायल टांग पर पट्टी कराने के लिए लिया था लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि असली वजह कुछ और थी.

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जेंग ने मीडिया से बातचीत में कहा, यह बस लड़कियों वाली बात थी. पहला दिन हमेशा इतना मुश्किल होता है. और मुझे खेलना भी था. मुझे पहले दिन हमेशा ही बहुत तकलीफ होती है.

जेंग ने पहले सेट में श्वियांटेक को कांटे की टक्कर दी थी. 82 मिनट चले पहले सेट में उन्होंने पांच सेट पॉइंट बचाए और तीन बार सेट पॉइंट पर पहुंचने के बाद सेट जीत लिया. यह श्वियांटेक के लिए बड़ा झटका था जो पिछले 16 मैचों में एक भी सेट नहीं हारी थीं.

मैच के इस बेहतरीन आगाज के बाद दूसरे सेट में जेंग को विराम लेना पड़ा. तब वह 0-3 से पिछड़ चुकी थीं. पिछले मैच में 2018 की वर्ल्ड चैंपियन सिमोना हालेप को हराकर चौथे दौर में पहुंचीं जेंग के लिए उसके बाद मैच सिर्फ फिसलता चला गया. दूसरे सेट में तो वह एक भी पॉइंट नहीं जुटा सकीं.

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तीसरे सेट में उन्हें थकान से पस्त देखा जा सकता था. उन्होंने 46 एरर किए और श्वियांटेक ने उनका भरपूर फायदा उठाया. मैच के बाद जेंग ने कहा, टांग के दर्द से हालत और खराब हो गई. लेकिन पेट के दर्द के मुकाबले वह आसान था. मैं अपना असली खेल नहीं खेल पाई क्योंकि पेट में बहुत ज्यादा दर्द था.

जेंग का यह बयान कई मायने में महत्वपूर्ण है. उनके मैच से दो दिन पहले 28 मई को ही दुनाय ने "विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस" मनाया था, जिसका मुख्य उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म संबंधी गलत भ्रांतियों को दूर करने के साथ साथ महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के बारे में सही जानकारी देना है. दुनिया के कई हिस्सों में महीने के वो पांच दिन आज भी शर्म और उपेक्षा का विषय बने हुए हैं. इसलिए फ्रेंच ओपन जैसे मंच से एक बड़ी खिलाड़ी का इस बारे में बात करना माहौल को और खुला बनाने में मददगार होता है.

दुनिया के अलग-अलग तबकों में माहवारी को लेकर जागरूकता का स्तर बढ़ा है. हाल ही में स्पेन शायद यूरोप का पहला देश बना, जिसने महिलाओं को माहवारी की कठिनाइयों से निबटने के लिए छुट्टियों का ऐलान किया. हालांकि, कई जगहों पर ये छुट्टियां पहले से ही हैं और महिलाओं को इनसे मदद मिलती है, लेकिन इसकी आलोचना भी बहुत होती है.

दुनिया के कुछ देशों में महिलाओं को कानूनी रूप से पीरियड्स के दौरान छुट्टी मिलती है. इस तरह की "मेंस्ट्रुअल लीव" की नीति अकसर विवादित होती है. इन नीतियों पर अक्सर इनसे भेदभाव बढ़ाने के आरोप लगते हैं और अक्सर इन्हें लेकर तीखी बहस होती है और लोगों को इस बारे में समझाना मुश्किल होता है.

जापानी समाज से सवाल करती एक महिला

इटली की संसद ने 2017 में इसी तरह का एक प्रस्ताव रखा था. इसके बाद वहां इस बात पर लंबी बहस शुरू हो गई कि क्या यह दफ्तरों में भेदभाव को बढ़ावा देगा. आखिरकार यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका. जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, इंडोनेशिया और जांबिया जैसे मुठ्ठी भर देशों में ही फिलहाल माहवारी की वेतन के साथ छुट्टी राष्ट्रीय नीति का हिस्सा है.

रिपोर्टः विवेक कुमार (एएफपी)