1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

2030 तक दोगुना फैल जाएगा कैंसर

४ फ़रवरी २०१२

दुनिया भर में कैंसर के रोगियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. चिंताजनक वृद्धि दर को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सरकारों से जागरूकता बढ़ाने वाले और जोखिम घटाने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रमों को मजबूत बनाने को कहा है.

https://p.dw.com/p/13wbK
त्वचा की कैंसर के लिए जिम्मेदार पैपीलोमा वायरसतस्वीर: dapd

विश्व कैंसर दिवस के मौके पर डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि 2030 तक कैंसर के रोगियों की संख्या बढ़कर सवा दो करोड़ हो सकती है. 2008 में यह संख्या सवा करोड़ थी. दो तिहाई से अधिक रोगी निचले या मध्य आय वर्ग से आते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक शिन यंग सू ने कहा कि संगठित राष्ट्रीय कार्यक्रमों के जरिए कैंसर के बोझ को कम किया जा सकता है. इसका निशाना ज्यादातर गरीब लोग बनते हैं जिन्हें जोखिम के अधिक कारकों का सामना करना पड़ता है और प्रतिरोधक सेवाओं तक उनकी पहुंच नहीं है. "हमें अपनी जानकारी को कार्रवाई में बदलने की जरूरत है. कैंसर नियंत्रण हर किसी की जिम्मेदारी होनी चाहिए. कैंसर पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य सेवा को कृषि, शिक्षा, खाद्य उद्योग और कारोबार जैसे क्षेत्रों के साथ सहयोग करना चाहिए."

Symbolbild Brustkrebsvorsorge
स्तन कैंसर महिलाओं में फैल रहा हैतस्वीर: picture alliance/CHROMORANGE

विश्व स्वास्थ्य संगठन के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 37 देश आते हैं. 2008 में इन देशों में विश्व भर के 32 फीसदी मामले थे. इस साल वहां 40 लाख नए मामले सामने आए जिनमें से 23 लाख पुरुष थे और 17.5 लाख महिलाएं. इलाके में उस साल 26 लाख लोगों की मौत कैंसर की वजह से हुई.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जीवन शैली में परिवर्तन कर कैंसर के 30 फीसदी मामलों को रोका जा सकता है. कैंसर की प्रमुख वजह तंबाकू और सिगरेट तथा शराब के अत्यधिक सेवन के अलावा कम फल और सब्जियां खाना और शारीरिक गतिविधियों में कमी है. संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि सबसे बड़ा जोखिम सिगरेट है जिसकी वजह से दुनिया भर में 22 फीसदी लोग कैंसर से मरते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि सिगरेट पर रोक लगाने से कैंसर से मरने वालों की संख्या कम हो सकती है. 2008 के आंकड़ों के हिसाब से 76 लाख लोग कैंसर से मरे. सबसे ज्यादा मौतें फेफड़े, पेट, लीवर और छाती के कैंसर से हुई.

रिपोर्ट: डीपीए, एएफपी/महेश झा

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी