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ज्यादा जिंक छीन लेता है कैंसर मरीज की ताकत

८ जून २०१८

कैंसर रोगियों का इलाज काफी चुनौती भरा होता है. इस बीमारी में शरीर इतना संवेदनशील हो जाता है कि जिंक जैसे तत्व की अतिरिक्त मात्रा भी मौत का जोखिम बढ़ा सकती है. साइंस पत्रिका नेचर में छपी एक स्टडी इस पर चर्चा की गई है.

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China, Krebspatienten so weit von Zuhause entfernt
तस्वीर: REUTERS/K.-H. Kim

कैंसर मरीजों के मांसपेशियों में जिंक की अतिरिक्त मात्रा उनकी मांसपेशियों की ताकत कम कर सकती है और मौत के जोखिम को बढ़ा सकती है. साइंस पत्रिका नेचर में छपी एक स्टडी में काचेक्सिया को 30 फीसदी कैंसर रोगियों के मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. कैचेक्सिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मांसपेशियां कमजोर हो जाती है. इससे कैंसर के इलाज, जीवन की खराब गुणवत्ता व दुर्बल स्थिति के प्रति सहनशीलता कम हो जाती है. हालांकि, इस स्थिति के लिए कोई प्रभावी इलाज नहीं है और इसके कारण पता नहीं चल सके हैं.

अमेरिका के इरविंग में कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्वर्णाली आचार्य ने कहा, "एक आम गलतफहमी है कि कैचेक्सिया सिर्फ एक पोषण की समस्या है, जो कैंसर या इसके उपचार से होने वाली भूख की कमी से पैदा होती है."

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उन्होंने कहा, "कैचेक्सिया मांसपेशियों को तोड़ना जारी रखती है, इससे मरीज कैंसर के इलाज की खुराक को बर्दाश्त करने में काफी कमजोर हो जाता है. इसके चलते डॉक्टर इलाज में आगे नहीं बढ़ पाते." उन्होंने बताया, "कैचेक्सिया डायफ्राम व दिल की मांसपेशियों को भी कमजोर कर सकती है, जिससे बहुत से कैंसर मरीजों में सांस से जुड़ी समस्या या हार्ट फेलियर से मौत हो सकती है."

आईएएनएस