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पेट्रोल डीज़ल महंगा: आम आदमी परेशान

४ जून २००८

पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ाने के फ़ैसले से जहां राजनीतिक पार्टियों ने तेवर कड़े कर लिए हैं, वहीं आम आदमी की नाराज़गी और बढ़ गई है.

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दुनिया भर में बढ़ रही हैं पेट्रोल और खाने पीने की चीज़ों की क़ीमतेंतस्वीर: AP GraphicsBank/AP/DW Fotomontage

पहले ही महंगाई की बोझ तले दबा आम इनसान समझ नहीं पा रहा है कि वो घर का ख़र्च कैसे चलाए. वैसे सिर्फ़ भारत ही नहीं, दुनिया के दूसरे देशों में भी तेल की क़ीमत बढ़ी है.

कल तक दाल चावल की फ़िक्र करता भारत का आम इनसान आज तेल के चक्कर में फंस गया. एक लीटर पेट्रोल की क़ीमत 50 रुपये पार कर गई है और तय हो गया है कि जेब और हलकी होगी. सरकार ने रसोई गैस की क़ीमतों में भी प्रति सिलेंडर 50 रुपये का इज़ाफ़ा किया है.

अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल और अनाज की क़ीमत लगातार बढ़ रही है. भारत सरकार का कहना है कि इसी वजह से सब्सिडी कम किया गया है. लेकिन पहले से ही महंगाई से पिसी जनता को इन बातों से तसल्ली देना मुश्किल है.

सिर्फ़ भारत में ही नहीं, जर्मनी और ब्रिटेन सहित कई और देशों में भी तेल की क़ीमतें बढ़ रही हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी के सलाहकार ज्यां अटाली का कहना है कि ऊर्जा क़ीमतों को बढ़ने से नहीं रोका जा सकता, पर लोगों का भी ध्यान रखना ज़रूरी है.

आर्थिक मजबूरी जो भी हो, सरकार के लिए इस फ़ैसले को वाजिब ठहराना मुश्किल पड़ रहा है. ख़ास कर तब, जब माहौल चुनाव का है. और शायद यही वजह है कि इसके बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित करना पड़ा.