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भारतीय टीवी पर जर्मन मंथन

७ सितम्बर २०१२

विज्ञान और तकनीक से जुड़ा जर्मनी में तैयार कार्यक्रम मंथन भारतीय टेलीविजन पर नजर आएगा. दोनों देशों के राष्ट्रीय चैनलों ने इस मुद्दे पर अहम समझौता किया है.

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तस्वीर: DW

दोनों देशों के ब्रॉडकास्टरों ने दिल्ली में एक शानदार आयोजन में इस समझौते का एलान किया. भारत में जर्मन राजदूत मिशाएल श्टाइनर इस समझौते को दोनों देशों की मजबूत होती कड़ी के रूप में देखते हैं, "मैं कहूंगा कि दोनों के लिए यह मौका हनीमून जैसा है."

जर्मनी की विदेश प्रसारण संस्था डॉयचे वेले का हिन्दी कार्यक्रम खास तौर पर भारतीय दर्शकों को ध्यान में रख कर बनाया गया है और इसे भारत के राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल दूरदर्शन पर प्रसारित किया जाएगा. दोनों देशों के बीच यह सहयोग बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि कूटनीतिक संबंधों के 60 साल पूरे होने के मौके पर भारत जर्मनी में एक साल चलने वाला भारत वर्ष मना रहा है. इससे पहले पिछले साल जर्मनी भारत में ऐसा ही कर चुका है.

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भारत के जर्मन राजदूत मिषाएल श्टाइनरतस्वीर: DW

दूरदर्शन ने भी दोनों पक्षों के सहयोग की बात की. महानिदेशक त्रिपुरारी शरण ने तो इसे हनीमून से भी आगे की बात बताया, "मैं विश्वास से यह बात कह सकता हूं कि यह रिश्ता हनीमून से भी आगे जाएगा और इससे भी मजबूत हो कर उभरेगा." शरण का मानना है कि भारत में ऐसे टेलीविजन कार्यक्रम की जरूरत है, जो युवाओं को साइंस और तकनीक के बारे में अच्छी जानकारी दे सके.

क्या है मंथन

टीवी कार्यक्रम मुख्य रूप से विज्ञान से जुड़े विषयों पर बना टेलीविजन कार्यक्रम है, जिसमें विज्ञान के जटिलताओं को आसान ढंग से दिखाया गया है. लेकिन इसकी बारीकी और अहमियत बनाए रखी गई है.

जर्मनी अपनी बेहतरीन तकनीक के लिए जाना जाता है, जबकि भारत सूचना क्रांति में अगुवा देश बन चुका है. डॉयचे वेले की मुख्य संपादक ऊटे शेफर इसे बेजोड़ मेल बताती हैं, "जर्मनी तकनीक के लिए जाना जाता है और भारत तकनीक पैदा करने वालों के लिए. ऐसे में दोनों एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं और मंथन में भी यही दिखाने की कोशिश होगी." शेफर को उम्मीद है कि कार्यक्रम को कामयाबी मिलेगी और इसे भारतीय दर्शकों की रुचि के अनुसार आगे भी ढाला जा सकेगा.

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दूरदर्शन महानिदेशक त्रिपुरारी शरणतस्वीर: DW

नए साइंस शो को भारत और जर्मनी को जोड़ने वाले पुल की तरह भी देखा जा रहा है. जर्मन प्रसारक का कहना है कि जर्मनी में काम कर रहे भारतीय रिसर्चरों को भी कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा, जो भारतीय युवा छात्रों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है.

आधे घंटे का टीवी कार्यक्रम भारत में अपनी तरह का इकलौता प्रोग्राम होगा. इसमें विज्ञान के अलावा जर्मन और यूरोपीय खान पान और जीवन शैली का भी जिक्र किया जाएगा. शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे इसे दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित किया जाएगा.

रिपोर्टः ईशा भाटिया

संपादनः महेश झा