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लीबियाई शरणार्थी आए जर्मनी

४ सितम्बर २०१२

लीबिया से 195 शरणार्थी जर्मनी पहुंचे हैं. मुअम्मर गद्दाफी को अपदस्थ करने के दौरान हुए संघर्ष में विस्थापित यह लोग एक साल से ट्यूनीशिया के मरुस्थल के एक राहत शिविर में रह रहे थे.

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तस्वीर: dapd

जर्मनी ने 2011 में एक पुनर्वास कार्यक्रम के लिए अपनी सहमति दी थी. इनमें 900 शरणार्थियों को जर्मनी में लेने की बात है. इनमें से लगभग सारे लोग लीबिया से संघर्ष के दौरान भागे थे. सोमवार को 195 शरणार्थी मध्य जर्मनी के शहर हनोवर में पहुंचे. आंतरिक मंत्रालय के सचिव ओले श्रोएडर ने कहा, "इस पुनर्वास से हम बहुत ही कमजोर लोगों तक पहुंच सके हैं."

शरणार्थियों में सैकड़ों परिवार अपने बच्चों और नवजात शिशुओं के साथ जर्मनी पहुंचे हैं. श्रोएडर का कहना है कि इन शरणार्थियों को एक नया जीवन देकर जर्मन सरकार ने एक अहम योगदान दिया है.

यह लोग गद्दाफी शासन के दौरान लीबिया में रह रहे थे लेकिन इनमें से ज्यादातर लोग सूडान, सोमालिया, एरिट्रिया, इराक, इथियोपिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया और लोकतांत्रिक कांगो गणराज्य से हैं. इन लोगों को जर्मनी में जर्मन भाषा की भी ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि उन्हें जर्मनी में आसानी हो. इस साल इराक से 100 और शरणार्थी जर्मनी आने वाले हैं.

Flüchtlingslager in Tunesien ARCHIVBILD 2011
तस्वीर: dapd

शरणार्थी संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि ट्यूनीशिया के शूशा में राहत शिविरों में 2,200 शरणार्थियों की संयुक्त राष्ट्र से शिनाख्त नहीं हो पाई है और इनमें से केवल 1,320 को पश्चिमी देशों में बसाने की बात चली है.

इस बीच जर्मन सरकार ने कहा है कि वह सीरिया से शरणार्थियों को लेने के लिए तैयार है. विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा, "यह मुमकिन है लेकिन सीरिया में इस वक्त लोगों की मदद ज्यादा मायने रखती है." वेस्टरवेले ने कहा कि सीरिया में जब तक आम लोगों के खिलाफ हिंसा जारी रहेगी, तब तक शरणार्थियों की संख्या भी बढ़ती रहेगी.

अब तक जर्मनी सरकार ने सीरिया से शरणार्थियों को स्वीकार करने पर सहमति नहीं दी थी. लेकिन अब सरकार का कहना है कि वह शरणार्थियों को और मदद देगी और इसके लिए उसने दो करोड़ यूरो की राशि तय की है.

एमजी/एमजे(डीपीए)