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पाक कबायली इलाकों को ज्यादा अधिकार

१४ अगस्त २०१२

पाकिस्तान के 66वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि पूरे देश की तरह ही अब कबायली इलाकों में स्थानीय प्रशासन का गठन किया होगा. उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान और सीमाई के गांवों में होंगे बदलाव.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

नए नियमों के जरिए सदियों पुराने प्रशासनिक तरीके में बदलाव किया जाएगा. अब तक पाकिस्तान की केंद्र सरकार इन कबीलों के लिए एजेंटों को चुनती थी जो वहां के बारे में फैसले लिया करते थे. राष्ट्रपति जरदारी ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भाषण में कहा कि यह बदलाव कबायली लोगों, उनकी परंपरा और जीवन शैली को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं. हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं की है.

पाकिस्तान में कई कबायली इलाके हैं, जो सीधे केंद्र सरकार के तहत आते हैं. स्थानीय अधिकारी और कबायली नेताओं की बात यहां मानी जाती है.

एक सदी पहले के फ्रंटियर क्राइम रेग्यूलेशन लॉ पर यह प्रणाली आधारित है. इस सिस्टम में न केवल भ्रष्टाचार के कारण परेशानी पैदा हुई है बल्कि कबायली लोगों की जरूरतें पूरी करने और विकास सुनिश्चित करने में भी यह सफल नहीं हो सके हैं. इस कारण केंद्र सरकार और कबीलों में जो अंतर बढ़ा उसका फायदा उग्रवादियों ने उठाने की कोशिश की.

उत्तर पश्चिम के कई इलाकों में कबीलों ने अपना समानांतर प्रशासन बना रखा है. आरोप है कि वहां से उग्रवादियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. उत्तर पश्चिमी इलाकों में फैली अराजकता के कारण पाकिस्तान की सरकार ने स्थानीय प्रशासन बनाने का विचार किया है.

जानकारों को चिंता है कि सेना इस मतभेद और पाकिस्तान की खस्ता हालत का फायदा उठाते हुए सरकार को बेदखल कर सकती है. बहरहाल पाकिस्तान की जनता ने आजादी के दिन का जश्न मनाया, वहीं सरकार ने इसे लोकतंत्र का बखान करने के लिए इस्तेमाल किया.

जरदारी ने कहा, "मैं सभी से अपील करता हूं कि हमारे लोकतंत्र, लोगों को मजबूत करने के लिए और विकासशील, सहनशील, उदारवादी और आधुनिक पाकिस्तान बनाने के लिए सब साथ मिल कर काम करें. उस सपने को साकार करें जो हमारे महान नेताओं ने देखा था."

एएम/एजेए (डीपीए)