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श्रीलंका युद्ध के बाद की जांच रिपोर्ट जारी करेगा

१ नवम्बर २०११

श्रीलंका ने कहा है कि वह तमिल बागियों के सफाए के बाद खत्म हुए गृह युद्ध से जुड़ी अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करेगा. पश्चिमी जगत का आरोप है कि 2009 में लड़ाई के निर्णायक दौर में गंभीर युद्ध अपराध हुए जिनकी जांच जरूरी है.

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सेना और लिट्टे दोनों पर युद्ध अपराध आरोप लगेतस्वीर: picture-alliance/dpa

भारत समेत सात देशों के राजनयिकों ने रॉयटर्स को बताया कि अगर सीखे गए सबक और मेलमिलाप आयोग (एलएलआरसी) की विश्वसनीय रिपोर्ट जारी कर दी जाती है तो फिर किसी बाहरी जांच की जरूरत नहीं होगी. आरोप लगते रहे हैं कि मई 2009 में खत्म हुए संघर्ष के निर्णायक दिनों में तमिल विद्रोहियों और श्रीलंकाई सेना, दोनों ने युद्ध अपराध किए, जिनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच होनी चाहिए.

लेकिन श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पेइरिस ने कहा कि एसएसआरसी के निष्कर्षों को सार्वजनिक किया जाएगा, हालांकि इसके लिए उन्होंने कोई तारीख तय नहीं की है. आयोग की रिपोर्ट 15 नवंबर को राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को सौंपी जाएगी.

LTTE Fahne Tamilische Rebellen Berlin
लिट्टे श्रीलंका के उत्तरी हिस्से में तमिलों के लिए एक अलग देश के लिए लड़ रहा थातस्वीर: AP

'मिलेंगे सवालों के जवाब'

पर्थ में कॉमनवेल्थ शिखर बैठक से लौटे पाइरिस ने कहा, "राष्ट्रपति ने साफ तौर पर कहा है कि इस दस्तावेज को सार्वजनिक किया जाएगा." उन्होंने पर्थ के शिखर सम्मेलन को कामयाब बताया. अगला कॉमनवेल्थ शिखर सम्मेलन श्रीलंका में होगा.

संयुक्त राष्ट्र की प्रायोजित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात के विश्वसनीय सबूत हैं कि तमिल टाइगर्स के साथ युद्ध के अंतिम दौर में सेना ने हजारों आम लोगों का कत्ल किया. श्रीलंका में अलग तमिल राष्ट्र की मांग को लेकर तीन दशक से भी ज्यादा समय तक गृह युद्ध चला जिसमें हजारों लोगों की जानें गईं. लेकिन 2009 में श्रीलंकाई सेना ने तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे के प्रमुख वी प्रभाकरण को खत्म कर गृह युद्ध का खात्मा किया.

Hilfslager in Sri Lanka
महीनों चले कड़े सैन्य अभियान के बाद आखिकार श्रीलंका लिट्टे का सफाया करने में कामयाब रहातस्वीर: picture-alliance / dpa

जब सवाल किया गया कि क्या एलएलआरसी की रिपोर्ट और उसकी सिफारिशें पश्चिमी जगत को संतुष्ट करने के लिए काफी रहेंगी जो जवाबदेही की मांग कर रहा है, इस पर पेइरिस ने कहा, "बिल्कुल, मुझे लगता है कि एलएसआरसी की रिपोर्ट संदेहों को दूर करेगी और सवालों के जवाब देगी."

मानवाधिकारों पर कठघरे में

कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने कहा कि अगर श्रीलंकाई सरकार ने मानवाधिकारों के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो उनका देश श्रीलंका में होने वाले अगले कॉमनवेल्थ शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करेगा. कई मानवाधिकार गुट और विदेशों में रह रहे लिट्टे समर्थक भी शिखर बैठक की जगह बदलने के लिए दबाव डाल रहे हैं.

पेइरिस कहते हैं कि श्रीलंका इस बात से खुश है कि कॉमनवेल्थ मानवाधिकार निगरानी की कोशिशें नाकाम रहीं और राष्ट्रपति राजपक्षे पर युद्ध अपराध के मामले में मुकदमा चलाने की एक लिट्टे समर्थक की कोशिश को ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने खारिज कर दिया है. लेकिन राजनयिकों का कहना है कि मार्च में होने वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में श्रीलंका को युद्ध अपराध के मामले में दबाव का सामना करना पड़ सकता है. श्रीलंका एलएसआरसी की रिपोर्ट के जरिए इस दबाव का सामना करने की कोशिश करेगा.

Sri Lanka Demonstration in Colombo Sarg von Velauthan Raveendran
अल्पसंख्यक तमिल श्रीलंका में अपने साथ भेदभाव होने के आरोप लगाते हैंतस्वीर: AP

अमेरिका का कहना है कि श्रीलंका को युद्ध के दौरान निर्दोष लोगों की मौत के लिए कुछ जवाबदेही तो तय करनी होगी और अल्पसंख्यक तमिल आबादी के साथ कोई राजनीतिक समझौता करना होगा. श्रीलंका में युद्ध और उसके बाद तैनात रहने वाले एक यूरोपीय राजदूत का कहना है, "जब तक वे कोई राजनीतिक समाधान तैयार नहीं करते हैं, तो युद्ध अपराधों के मामले पर चर्चा होती रहेगी."

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए कुमार

सपादनः महेश झा

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