2014 अब तक का सबसे गर्म साल !
३० नवम्बर २०१४तापमान का रिकॉर्ड 19वीं सदी से रखा जा रहा है और इस दौरान 2010 को अब तक का सबसे गर्म साल बताया गया. लेकिन इस साल जनवरी से अक्टूबर तक की अवधि अब तक की सबसे गर्म अवधि बन चुकी है. अमेरिकी और ब्रिटिश आंकड़ों से इसकी पुष्टि होती है.
साल 2014 के पूरे और पक्के आंकड़े अगले साल ही आएंगे और अगर यह अब तक का सबसे गर्म साल साबित होता है, तो जलवायु परिवर्तन को लेकर बहस और तेज हो सकती है. पेरू की राजधानी लीमा में दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र की सालाना जलवायु परिवर्तन बैठक हो रही है और उसके बाद अगले साल दिसंबर में दुनिया भर के 200 देशों ने पेरिस में होने वाली बैठक के दौरान अंतरराष्ट्रीय संधि पर दस्तखत करने का फैसला किया है.
हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया के प्रोफेसर टिम ओसबॉर्न का कहना है, "इस बात की संभावना बहुत ज्यादा नहीं है कि 2014 अब तक का सबसे गर्म साल हो ही जाए." उनका कहना है कि साल के आखिर में दुनिया भर की जलवायु में बहुत फर्क देखने को मिला है और तापमान भी बहुत बदला है और ऐसे में कुछ भी पक्के तौर पर कहना ठीक नहीं है.
दिसंबर में प्रारंभिक रैंकिंग
संयुक्त राष्ट्र का विश्व मौसम विभाग पहले तीन दिसंबर को पेरू में एक प्रारंभिक रैंकिंग छापेगा. लीमा की बैठक में ही पेरिस संधि पर सहमति बननी है. चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इस मुद्दे पर सहयोग का वादा किया है, जिसके बाद संधि पर अमल होता दिख रहा है. इस बीच विज्ञान जगत ने नए तूफान और बाढ़ की चेतावनी जारी की है.
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिकी नेशनल ओशियानिक एंड एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने जनवरी-अक्टूबर 2014 को सबसे गर्म काल बताया है, जबकि नासा ने दूसरा सबसे गर्म काल और ब्रिटेन के मौसम विभाग ने इसे तीसरा सबसे गर्म साल कहा है. इन तीनों ही एजेंसियों के आंकड़े विश्व मौसम विभाग लेता है. अलग अलग संस्थाओं में वैज्ञानिक अलग अलग तरीके से मौसम मापते हैं. नासा के गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज के प्रवक्ता माइकल कैबेज का कहना है, "अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि 2014 अब तक का सबसे गर्म साल बनने वाला है."
ब्रिटिश एजेंसी ने इस साल को 2010 और 1998 से जरा ही पीछे रखा है. वे दोनों ही साल बेहद गर्म थे लेकिन उनके आखिरी दिनों में भी गर्मी कम हुई थी.
एजेए/ओएसजे (रॉयटर्स)