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पाठकों की राय

विनोद चड्ढा१६ जनवरी २०१५

पेशावर से ले कर पेरिस के हमले तक, आप लोगों ने हमारी रिपोर्टों को पढ़ा और सराहा है. इसके लिए आपका धन्यवाद. एक नजर आपके द्वारा भेजे संदेशों पर.

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Wache vor der Schule in Peschawar 17.12.2014
तस्वीर: AFP/Getty Images/F. Naeem

चुनिंदा तस्वीरों के साथ आपका बीकानेरी ऊंट महोत्सव का फीचर काफी पसंद आया. विदेशी सैलानियों को भारत के प्रति अपार आकर्षण है और उसी के चलते बहुत से पर्यटक केरल के बाद राजस्थान में अपना बहुत सारा समय व्यतीत करते हैं. रूखे सूखे मरुस्थल में भी रंगबिरंगी मानवी भावभंगिमाएं सबका मन मोह लेती है. पोस्टकार्डस में भी राजस्थान काफी लोकप्रिय हैं. मनोज कामत, नासिक

सबसे पहले आप सभी को नव वर्ष 2015 की हार्दिक शुभकामनाएं. दुनिया भर की महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ हमें अद्यतन कराने के लिए डॉयचे वेले हिन्दी विभाग के प्रति हम बहुत आभारी हैं. हम उम्मीद करते हैं कि वर्ष 2015 में भी पहले की तरह डॉयचे वेले के वेबपेज के माध्यम से हमें दुनियाभर की तथ्यात्मक जानकारीयां मिलती रहेंगी. 2014 में विश्व में क्या कुछ खास, कुछ बेहद महत्वपूर्ण घटनाओं की तस्वीरों द्वारा प्रस्तुति एवं दुनिया के अलग अलग हिस्सों में नया साल मनाने का अलग अलग तरीका, बेहद अच्छा लगा. 'एकजुटता के साए में गोल्डन ग्लोब' और 'जर्मनी का खूबसूरत शहर ड्रेसडेन' चित्र और जानकारी के साथ प्रस्तुति भी काफी जानकारीयुक्त लगी. 2012 में मैं बर्लिन से प्राग को अपनी यात्रा के दौरान ड्रेसडेन में थोड़ा समय ही रुक पाया था, इसलिए इन सभी खूबसूरत जगहों को देख नहीं सका. आपने तस्वीरों में मुझे अब वह सब दिखा दिया है. सुभाष चक्रबर्ती, नई दिल्ली

'पेशावर का सिसकता स्कूल' - कहते हैं कि 10 न्यूज का काम एक तस्वीर कर देती है. आपकी वेबसाइट पर फोटो फीचर में मैंने पेशावर की तबाही की तस्वीरें देखी. स्कूल तो पूरी तरह शमशान बन गया है. कुछ भी बचा नहीं है. मुक्तानंद कुलकर्णी, शोलापुर, महाराष्ट्र

फ्रांस में पत्रकारों पर हुए हमले एवं इसके बाद में घटनाक्रम पर आपकी पैनी नजर ने हमें इस पूरे वाकये से अवगत कराए रखा. आतंकवाद आज पूरे विश्व की सबसे बड़ी समस्या है. नाइजीरिया में जिस तरह पूरे शहर को स्वाहा किया गया वह भी बेहद खतरनाक घटना है. आज पूरे विश्व के नेताओं को एक साथ बैठकर इस समस्या से निजात पाने के बारे में सोचना होगा. अगर समय रहते हम नहीं चेते तो ये आतंकवादी पूरी मानवता के लिए घातक साबित होंगे. उमेश कुमार यादव, लखनऊ

मैं वर्ष 1999 से आपका श्रोता हूं. मैं तब रेडियो पर आपके कार्यक्रम सुनता था. 2007 तक मैं आपके साइंस से जुड़े कार्यक्रमों को अपनी डायरी में नोट करता था. उसके बाद नौकरी में वयस्तता की वजह से रेडियो से मेरा सम्बंध टूट गया, लेकिन वेबसाइट के माध्यम से आपसे जुड़ा रहा. उस समय आप मेरे पास डाक टिकट, लिखित सामग्री, एवं अन्य कई उपयोगी साहित्य व कलेंडर भेजते रहते थे परंतु पिछले कुछ अरसे से लगता है कि आप अपने पुराने श्रोताओं को भूल गए हैं. मैं मंथन से संबंधित सभी मेल भी अलग फोल्डर बना कर सेव की हुई है. इसके अलावा अब मैं अध्यापक हूं तथा अपने बच्चों को आपके कार्यक्रमों में बतायी जानकारियां बताता रहता हूं. आपके द्वारा बतायी जानकारियां अब उपयोगी साबित हो रही है. अब आपसे अनुरोध है की आप कृपया हमें ऐसे ना भुलाएं. उम्मीद है आप सकारात्मक सहयोग करेंगे. कृपया लिखित सामग्री मेरे स्कूल के पते पर भेजें ताकि मैं समय पर काम ले सकूं. छोटू राम काजला, जिला हिसार, हरियाणा

संकलन: विनोद चड्ढा

संपादन: ईशा भाटिया


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