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स्नोडेन से पूछताछ के रास्ते ढूंढता जर्मनी

६ नवम्बर २०१३

जर्मनी एडवर्ड स्नोडेन से रूस में पूछताछ की कोशिश कर रहा है. स्नोडेन को रूस ने एक साल के लिए शरण दी है, जर्मन गृह मंत्री हांस पेटर फ्रीडरिष ने बुधवार को कहा कि स्नोडेन को जर्मनी नहीं आने दिया जाएगा.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

चांसलर अंगेला मैर्केल की सरकार अमेरिका के साथ आपसी जासूसी को बंद करने के लिए समझौता करना चाहती है लेकिन अमेरिका की नाराजगी के डर से सीधे स्नोडेन से संपर्क करने में चौकसी बरत रही है. जर्मनी की एक संसदीय समिति को इस बारे में जानकारी देने के बाद जर्मन गृह मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की. यह समिति इस बात पर नजर रख रही है कि खुफिया एजेंसियों के बीच जासूसी रोकने के लिए बातचीत कैसे आगे बढ़ रही है और साथ ही यह भी कि एनएसए की जासूसी के बारे में स्नोडेन की गवाही के प्रस्ताव पर कैसे आगे बढ़ा जाए. संसदीय समिति ने सरकार से यह कहने का फैसला किया है कि वह पूछताछ की संभावना तलाशे और इस बात का ध्यान रखे कि इसमें स्नोडेन के लिए कोई दिक्कत न हो. संसदीय समिति के प्रमुख थोमस ओपरमान ने कहा, "जर्मनी में पूछताछ फिलहाल बहस का मुद्दा नहीं है." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस बात की गारंटी नहीं दी जा सकती कि स्नोडेन को अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा.

गृह मंत्री ने पत्रकारों से कहा, "मैंने साफ कर दिया है कि गर्मियों में लिया हमारा फैसला अब भी कायम है, वो यह है कि स्नोडेन के पास जर्मनी में शरण लेने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्हें राजनीतिक रूप से नहीं फंसाया गया है." इसके साथ ही उन्होंने श्री स्नोडेन की मदद करने की विपक्षी दलों की मांग खारिज कर दी. स्नोडेन के खिलाफ अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय वारंट जारी कर रखा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए के कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन ने इंटरनेट और फोन की जासूसी के बारे में गोपनीय जानकारियां मीडिया को लीक कर दी हैं.

Bundesinnenminister Hans-Peter Friedrich am 6.11.2013
तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मन सरकार के प्रवक्ता स्टेफेन जाइबर्ट ने भी सशर्त सहयोग की ही बात कही है. साइबर्ट ने कहा, "श्री स्नोडेन से पूछताछ चाहे जर्मन संसद के निचले सदन के सदस्यों के जरिये हो, या फिर संघीय अभियोजकों के जरिए, अगर रूस इसे उचित मानता है तो सरकार अपनी संभावनाओं के दायरे में रह कर उसका समर्थन करेगी."

गृह मंत्री ने इसके साथ ही कहा, "हमें अब यह सोचना चाहिए कि कैसे और किन परिस्थितियों में मॉस्को में यह संभव होगा कि श्री स्नोडेन से बात की जाए और अगर उनके पास कोई जानकारी है तो ली जाए." जर्मन मंत्री इन सवालों को टाल गए कि रूस उन्हें इस इस तरह के पूछताछ की इजाजत क्यों देगा या फिर अमेरिका इसे क्यों होने देगा. हालांकि रूस की सरकार ने एक बयान जारी कर पहले ही कह दिया है कि स्नोडेन से कोई भी पूछताछ कर सकता है.

बर्लिन में चांसलर मैर्कल के चीफ ऑफ स्टाफ रोनाल्ड पोफाला ने कहा कि जर्मनी और अमेरिका जासूसी समझौते पर "अब भी चर्चा" कर रहे हैं और जब यह "ठोस रूप" ले लेगा तब इस बारे में सार्वजनिक रूप से जानकारी दी जाएगी. जर्मनी की खुफिया एजेंसियों के प्रमुख समझौते की शर्तें तय करने अमेरिका गए थे. रोनाल्ड पोफाला ने कहा, "हमारे पास इस बात के अच्छे मौके हैं कि जर्मनी और अमेरिका के बीच खुफिया मामलों में सहयोग नए आधार पर हो और हमारे पास गुम हुए भरोसे को वापस लाने का एक अच्छा मौका है."

मोबाइल फोन की जासूसी की खबर मिलने के बाद नाराज जर्मन चांसलर ने अमेरिकी राष्ट्रपति को पिछले महीने फोन कर अपना विरोध दर्ज कराया. पिछले हफ्ते एक खुले पत्र में स्नोडेन ने इस बारे में गवाही देने का प्रस्ताव दिया था कि एनएसए कैसे जासूसी करती है. जर्मनी की विपक्षी ग्रीन पार्टी के नेता हांस क्रिस्टियान श्ट्रोएब्ले ने पिछले हफ्ते रूस जा कर स्नोडेन से मुलाकात की और इस पत्र को हासिल किया. श्ट्रोएब्ले ने कहा है कि वह जर्मन गृह मंत्री के इस विचार से सहमत नहीं है कि जर्मनी स्नोडेन को शरण नहीं दे सकता. उन्होंने आग्रह किया है कि स्नोडेन को जर्मनी या उसी तरह के किसी दूसरे लोकतांत्रिक देश में शरण मिलनी चाहिए.

एनआर/एजेए (डीपीए, एएफपी)

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