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सिर्फ जीत ही जीत चाहते हैं आनंद

१४ जुलाई २०१२

पांच बार विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद भी विश्वनाथन आनंद का जी भरा नहीं है. सम्मान समारोहों में व्यस्त आनंद आगे भी बस जीत पर जीत दर्ज करते रहना चाहते हैं.

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तस्वीर: AP

पिछले महीने पश्चिम बंगाल सरकार ने भी कोलकाता में आनंद को उनकी इस जीत के लिए सम्मानित किया. इस मौके पर उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंशः

लंदन ओलम्पिक में भारत का प्रदर्शन कैसा रहने की उम्मीद है?

इस बार बैडमिंटन, निशानेबाजी और एथलेटिक्स में पदक मिलने की संभावना है. मुझे उम्मीद है कि इस बार बीजिंग ओलम्पिक से ज्यादा पदक हमें मिलेंगे.

अपने करियर के शुरूआती दौर के बारे में कुछ बताएं?

बहुत खराब शुरूआत थी. छह साल की उम्र में अपना पहला मैच खेलते हुए एक स्थानीय टूर्नामेंट में मैं पहले तीनों राउंड में हार गया. दरअसल, मैंने अपना पहला मैच तब जीता जब मेरा प्रतिद्वंदी मौके पर नहीं पहुंचा. लेकिन उस जीत से भी मुझे काफी खुशी हुई थी.

पांचवीं बार विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद कैसा महसूस हो रहा था?

जीतने के बाद यह अहसास हुआ था कि मैं चुनौती पर खरा उतरा हूं. मैंने एक नया रिकार्ड जरूर बनाया. लेकिन मैं रिकार्ड को ज्यादा अहमियत नहीं देता. सबसे अहम बात चैंपियनशिप जीतना है. मुझे लगता है कि पहली बार यह खिताब जीतना मेरे जीवन का सबसे अहम क्षण था. उसके बाद तो लगता है कि मुझे शीर्ष पर काबिज होना है और इससे अनुभूति नहीं बदलती. उसके बाद जीत की भावना बलवती हो जाती है.

आप लंबे समय से शीर्ष पर रहे हैं. शतरंज के प्रति अपने लगाव को कैसे बरकरार रखते हैं?

मैं शतरंज का आनंद लेता हूं. मुझे अब भी अपने मैचों में मजा आता है. मैं हर मैच को एक नई चुनौती के तौर पर लेता हूं. हर मैच के दौरान मैं नए सिरे से शुरूआत करता हूं. यही लगाव की प्रमुख वजह है.

Schacholympiade 2008 in Dresden
तस्वीर: picture-alliance/dpa

आप किसी मैच के लिए तैयारी कैसे करते हैं?

मैं किसी भी मैच के लिए कम से कम छह महीने पहले से तैयारी शुरू कर देता हूं. मैच के दौरान उसकी मुश्किल का अहसास होता है. लेकिन मैच के बाद मुश्किलों की बजाय सिर्फ खुशगवार क्षण ही याद रहते हैं. यह परीक्षा के पहले और परीक्षा के बाद वाली स्थिति होती है.

दूसरे खेलों में आपकी कितनी दिलचस्पी है?

अभी हम लोग स्पेन में थे. वहां मैंने यूरो कप के तमाम मैच देखे. यह टूर्नामेंट बेहद रोमांचक रहा. मैंने विंबलडन के कई मैच भी देखे हैं.

अगला विश्व चैंपियनशिप कौन जीतेगा?

मैं इस बारे में नहीं सोचता. मैं तो चाहता हूं कि हमेशा मैं ही जीतता रहूं. मैं अगली चैंपियनशिप भी जीत सकता हूं.

क्या छह बार जीत कर महान रूसी खिलाड़ी गैरी कास्पोरोव की बराबरी का इरादा है?

मैं नंबरों के खेल में भरोसा नहीं रखता. एक बार एक टूर्नामेंट को ध्यान में रख कर आगे बढ़ता हूं. मैं रिकार्ड बनाने या तोड़ने के लिए नहीं खेलता. मैं सिर्फ अपने प्रतिद्वंद्वी और उसकी रणनीति के बारे में सोचता हूं.

आपने तुर्की में होने वाले टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है?

दरअसल, मुझे उस टूर्नामेंट का स्वरूप पसंद नहीं था. मैं पहले भी कई बार इस पर अपनी असहमति जता चुका हूं. अब मैं दूसरे टूर्नामेंटों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं.

हाल में महेश भूपति लिएंडर पेस को लेकर जो विवाद हुआ, उस पर क्या कहना चाहेंगे?

उन दोनों को सार्वजनिक तौर पर विवाद बढ़ाने की बजाय ओलम्पिक के बहुत पहले अपने मतभेदों को सुलझा लेना चाहिए था. लेकिन अब यह उन दोनों और भारतीय टेनिस संघ के बीच का मामला है. फिर भी इस विवाद का सार्वजनिक होना देश और खेल के हक में ठीक नहीं रहा.

अब इन दिनों क्या कर रहे हैं?

कुछ खास नहीं. घर पर रहता हूं. फिलहाल सितंबर से पहले मुझे किसी टूर्नामेंट में हिस्सा भी नहीं लेना है. इसलिए परिवार के साथ समय बिता रहा हूं.

इंटरव्यूः प्रभाकर,कोलकाता

संपादनः एन रंजन