वोटरों को रिझाने के लिए
मतदान का पहला दौर शुरू होने में अब सिर्फ छह दिन बचे हैं. चुनाव आयोग तरह तरह से युवा वोटरों को रिझाने की कोशिश में है, कि वे वोट दें. इस कोशिश में दीवारों पर बनाई गई ग्रैफिटी भी शामिल हैं.
नए मतदाता
16वीं लोकसभा चुनने के लिए करीब 80 करोड़ भारतीय मत देंगे. 2009 की तुलना में ये 10 करोड़ ज्यादा है. सात अप्रैल से मतदान शुरू होगा. .
पहली बार
18-19 साल के भारत में करीब दो करोड़ तीस लाख युवा हैं जो पहली बार वोट देने वाले हैं. भारतीय चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि वह ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित करे.
शामिल हों
युवा वोट दें, इसके लिए सिस्टमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन (स्वीप) नाम का अभियान 2010 में शुरू किया गया. हर साल 25 जनवरी को नेशनल वोटर्स डे मनाया जाता है ताकि युवा सक्रिय हों.
लक्षित अभियान
मेघालय के शिलांग में युवा वोटरों को प्रेरित करने के लिए बनाई गई एक तस्वीर.
युवा और सक्रिय
शिलांग में युवाओं को आकर्षित करने के लिए फ्लाइंग क्लब, निबंध, चित्र, वाद विवाद और क्विज प्रतियोगिताएं हो रही हैं. साथ ही कला, नृत्य, गायन, स्लोगन, जिंगल प्रतियोगिता के साथ ही रन फॉर डेमोक्रेसी नाम की मैराथन भी है.
प्रेरणा
ग्रैफिटी कलाकार कारिन जोपलिन लांग्सटीह कहती हैं, "हम जर्मनी और दूसरे देशों के स्ट्रीट आर्ट से बहुत प्रभावित हैं, और हम इसमें स्थानीय विषय भी लेते हैं जैसे मोनोलिथ, पारंपरिक कपड़े, गांव और बसें."
विविध तकनीक
कलाकारों को कहा गया है कि वे ऐसी ग्राफिटी बनाएं जो युवाओं से सीधे जुड़ी हो. इसके लिए ब्रशों के अलावा स्टेंसिल का इस्तेमाल भी किया जा रहा है.
हर वोट अहम
2009 में मेघालय में 64.38 फीसदी मतदान हुआ था. चुनाव आयोग चाहता है कि इस तरह की कोशिशों से युवा मतदाताओं तक संदेश पहुंचे कि हर वोट जरूरी है.