1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

यीशू के सलीब पर लगी कीलें मिलने का दावा

१४ अप्रैल २०११

इस्राएल के खोजी फिल्मकार सिमचा जाकोबोविसी ने दावा किया है कि शायद उन्हें वो कीलें मिल गई हैं जिनका इस्तेमाल ईसा मसीह को सलीब पर चढा़ने में किया गया. सिमचा अपनी नई डॉक्यूमेंट्री में इसे दिखाएंगे.

https://p.dw.com/p/10s9r
तस्वीर: AP

सलीब की इन कीलों को पहली बार येरुशलम में पत्रकारों को दिखाया गया. इतना ही नहीं अमेरिका, इस्राएल, लैटिन अमेरिका और कनाडा में ईस्टर से पहले इनकी तस्वीरों का टीवी पर प्रसारण भी किया गया है. सिमचा की अवधारणा में कुछ सच्चाई भी हो सकती है लेकिन इतना तो तय है कि इस पर एक बड़ी बहस भी छिड़ने वाली है.

1990 में पूर्वी येरुशलम में ईसा पूर्व 30वीं और 70वीं सदी की बनी हुई दो रोमन कीलें पहली सदी की एक समाधि से मिलीं. ये माना जाता है कि इन्हें केइफियस ने रोमन अधिकारियों को देकर ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाने के लिए भेजा था. पुरातत्व विभाग के मुताबिक एक कील चूना पत्थर के बने 12 बक्से में से किसी एक के भीतर मिली, जबकी दूसरी वहीं बाहर पड़ी थी. अभी ये भी पता नहीं चल सका है कि अस्थियों को रखने वाले किन बक्सों में से ये मिलीं. इन बक्सों में एक के ऊपर लिखा है जोसेफ सन ऑफ केइफियस जबकि दूसरे पर केवल केइफियस.

जाकोबोविसी ने तीन साल पहले इनकी खोज शुरू की और माना जाता है कि उन्होंने इन कीलों को तेल अबीब की यूनिवर्सिटी लैब में ढूंढ निकाला. इस लैब में एक कील और है जो सूली पर लटकाने में इस्तेमाल की गई. कहा जाता है ये कील ईसा मसीह की एड़ी की हड्डी में ठोकी गई थी.

इन कीलों को इस लैब में उस वक्त लाया गया जब पूर्वी येरुशलम की टालपियोट बस्ती में केइफियस की कब्र की खोज हुई. ये हिस्सा काफी दिनों से ढका पड़ा था और इसके ऊपर एक पार्क बना हुआ था. जाकोबोविसी का अनुमान है कि ईसा मसीह को सूली पर लटकाने के लिए कुख्यात केइफियस ने शायद अपने बच्चों से इन कीलों को अपने ताबूत में रखने के लिए कहा होगा.

इस्राएल की बार इलान यूनिवर्सिटी में पुरात्तत्व के प्रोफेसर बारके कहते हैं कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि तेल अबीब यूनिवर्सिटी की लैब में रखी कीलें केइफियस की कब्र से मिलीं. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि इस बात की संभावना जरूर है. कीलें क्यों रखी गईं, इसके बारे में उनका कहना है इसके कई कारण हो सकते हैं. पहला तो ये कि उनका इस्तेमाल पत्थर के बक्सों पर अक्षरों की खुदाई के लिए किया गया होगा या फिर इसे बुरी आत्माओं से दूर रखने के लिए इस्तेमाल किया गया हो सकता है या फिर कोई और वजह भी हो सकती है. वो इतना जरूर मानते हैं कि ये कीलें महत्वपूर्ण हैं और इसकी खोज करने वालों को इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह