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म्यूनिख में बॉलीवुड का चेहरा इरफान

२७ जून २०१४

म्यूनिख के 32वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में इस बार भारतीय और पूर्वी यूरोपीय सिनेमा को खास जगह दी जाएगी. म्यूनिख में दुनिया भर के सिनेमा प्रेमियों को इरफान खान समेत अपने पसंदीदा सितारों से मिलने का मौका भी मिलेगा.

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तस्वीर: STRDEL/AFP/Getty Images

फुटबॉल के साथ सिनेमा का बुखार भी दक्षिण जर्मनी के शहर म्यूनिख को आगोश में ले रहा है. शुक्रवार को रेड कार्पेट पर दुनिया भर के सितारे फिल्म फेस्टिवल का उद्धाटन करने के लिए जुटेंगे. बर्लिनाले के बाद म्यूनिख का अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल जर्मनी का दूसरा बड़ा फिल्म महोत्सव है.

पांच जुलाई तक चलने वाले महोत्सव में इस बार 51 देशों की 158 फिल्में दुनिया के सामने आएंगी. उद्धाटन फ्रांसीसी डायरेक्टर जाँ-पियर जॉनो की फिल्म से होगा. भारत की पांच फिल्में यहां दिखाई जाएंगी. दुनिया भर में अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके भारतीय अभिनेता इरफान खान भी महोत्सव में शामिल हो रहे हैं. उनके अलावा गीताजंलि थापा और शाहाना गोस्वामी भी आ रही हैं. पूर्वी यूरोप की दर्जन भर फिल्में सोवियत संघ के विघटन के बाद के 25 सालों की कहानियां बयां करेंगी.

हर फिल्म फेस्टिवल की अपनी खासियत होती है, लेकिन म्यूनिख का महोत्सव "बेस्ट फिल्म्स ऑफ समर्स" का नारा देता है. हालांकि इस बार मुख्य फोकस भारत और पूर्वी यूरोप की फिल्मों पर है. तीन साल पहले फेस्टिवल में 200 फिल्में आई थीं. 2012 में इनकी संख्या 186 और बीते साल घटकर 174 रह गई. फिल्म फेस्टिवल की प्रमुख डिआना इल्यीने कहती हैं कि कम फिल्मों का मतलब क्वालिटी में गिरावट नहीं है, "हमारा मकसद है कि यहां वो सब कुछ हो जो आम तौर पर नहीं मिलता. हमारी पेशकश हॉलीवुड से बॉलीवुड तक इन दोनों के बीच की फिल्में होंगी."

जर्मनी में बॉलीवुड

आयोजकों को उम्मीद है कि फुटबॉल के खुमार के बीच इस साल भी 70,000 सिनेमाप्रेमी म्यूनिख में जुटेंगे. इल्यीने कहती हैं, "म्यूनिख फिल्म महोत्सव की खास बात यह है कि यहां सिनेमाप्रेमी आसानी से निर्देशकों, कलाकारों और कहानीकारों से मिल सकते हैं. कान जैसे बड़े फिल्म फेस्टिवलों में ऐसा नहीं हो पाता."

ओएसजे/एमजे (डीपीए)