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मुर्सी पर हमास से संबंध के आरोप

२६ जुलाई २०१३

सत्ता से बेदखल मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को काहिरा की एक अदालत ने 15 दिन की हिरासत में भेज दिया है. उन पर फिलीस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास के साथ मिस्र की क्रांति के दौरान संबंध रखने का आरोप हैं.

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तस्वीर: Reuters

मिस्र की सरकारी समाचार एजेंसी मेना और अल अहराम के ऑनलाइन अखबार के मुताबिक काहिरा के जज ने मुर्सी को 15 दिन के लिए हिरासत में रखने का आदेश दिया है. आदेश देने से पहले जज ने मुर्सी से कुछ सवाल भी किए. अधिकारी मुर्सी से पूछताछ कर रहे हैं कि इस्लामिक पार्टी मुस्लिम ब्रदरहुड किसे समर्थन देता है. खासकर 2011 की शुरुआत में मिस्र की क्रांति के दौरान किसने नफरत फैलाने का काम किया. उस क्रांति में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक का तख्ता पलट हुआ था. 

मेना के मुताबिक अब मुर्सी पर आरोप लगाए गए हैं कि "उन्होंने फिलीस्तीनी गुट हमास के साथ मिल कर देश विरोधी काम किए, पुलिस थानों, सैनिकों पर हमला किया. एक जेल को आग लगाई जिसके बाद वहां के कैदी भाग गए. साथ ही अधिकारियों, सैनिकों और कैदियों को मारने की योजना (प्रीमेडियेट) बनाई."

अदालत के आदेश के मुताबिक मुर्सी से और सवाल पूछे जाएंगे. ताकि पता चल सके कैसे दर्जनों मुस्लिम ब्रदरहुड नेता जनवरी 2011 में जेल से भागे. मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रवक्ता गेहाद एल हद्दाद ने अदालत की कार्यवाही को मुबारक की सत्ता लौटने का संकेत बताया है,"आरोपों से लगता है कि पुरानी सत्ता का फिर से आना है. जैसे संकेत दे रहे हों कि हम फिर से पूरी ताकत के साथ लौटे हैं." 

अदालत के आदेश से पहली बार पता चला कि मुर्सी हैं कहां. सेना ने मुर्सी को बिना किसी आरोप के किसी अनजान जगह पर पकड़ रखा था. जनता के बीच से उनके गायब होने के कारण मिस्र में उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच भारी तनाव है. 

Ägypten Unruhen in Kairo
तस्वीर: AFP/Getty Images

इस बीच मिस्र में भारी विरोध प्रदर्शन होने जा रहे हैं. मिस्र के सैन्य प्रमुख अब्देल फतह अल सिसी के कहने पर ये सब कुछ हो रहा है. इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने अंतरिम सरकार के तौर पर सेना के बने रहने के समर्थन में लोगों से प्रदर्शन करने की अपील की थी. इन प्रदर्शनों से संकेत मिलेगा कि सेना उन सब पर नियंत्रण करे जो भी हिंसा और आतंक से देश को धमकाना चाहते है. 

उधर विरोध प्रदर्शन लगातार हिंसक हो रहे हैं. समाचार एजेंसी मेना के मुताबिक सेना ने दंगे खत्म करने के लिए 48 घंटे का समय दिया है और चेतावनी दी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो भी बलि देनी पड़ेगी दी जाएगी. उधर मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता मोहम्मद बादी ने भी समर्थकों से "खूनी सैन्य तख्ता पलट" के विरोध में बड़ी संख्या में आने की अपील की है.

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने मिस्र निवासियों से संयम से काम लेने की अपील की है. गुरुवार को एक बयान में उन्होंने मिस्र के अधिकारियों से मुर्सी को रिहा करने की अपील की और वरिष्ठ ब्रदरहुड सदस्यों से जुड़े मामले को तुरंत पारदर्शिता के साथ देखने का अनुरोध भी किया है.

एएम/एनआर(एएफपी)

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