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मां-बाप को बदल देते हैं बच्चे

७ जून २०१४

पहले बच्चे के जन्म लेते ही मां-बाप की जिंदगी बदल जाती है. लेकिन ये सिर्फ भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक असर नहीं है. वैज्ञानिकों का दावा है कि नई जिंदगी के आते ही मां-बाप के दिमाग की हलचल बदल जाती है.

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Symbolbild Vater
तस्वीर: athomass - Fotolia.com

पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के मस्तिष्क की हलचल अपनी हमउम्र महिलाओं से अलग होती है. वैज्ञानिक उस वक्त हैरान हो गए जब ऐसा ही बदलाव उन्होंने समलैंगिक पुरुषों के दिमाग में भी देखा. बच्चा गोद लेने वाले समलैंगिक पुरुष जोड़े की दिमागी गतिविधि भी बदल गई.

रिसर्च पेपर इस्राएल की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस ने छापा है. रिसर्च में कई यूनिवर्सिटियों के न्यूरोसाइक्लॉजिस्ट शामिल हुए. शोध में पता चला कि मां बनने के बाद महिलाओं का दिमाग बच्चे के रोने और उसके हाव भावों के प्रति अति संवेदनशील हो जाता है. अब तक वैज्ञानिक समझते थे कि ये बदलाव गर्भ धारण के दौरान हॉर्मोनों में आए बदलाव से होता है. लेकिन समलैंगिकों पर किए गए शोध ने इस अवधारणा को खारिज कर दिया.

रिसर्च प्रमुख रुथ फेल्डमन के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने 89 जोड़ों को अपने शोध में शामिल किया. सभी हाल में ही मां-बाप बने थे. मां-बाप को उनके बच्चे से जुड़ा वीडियो दिखाया गया और इस दौरान उनके दिमाग का एमआरआई टेस्ट किया गया. टेस्ट में पता चला कि बच्चे का वीडियो देखते समय 20 महिलाओं के दिमाग का भावनात्मक फैसले करने वाला हिस्सा ऐमिग्डाला पांच गुना ज्यादा सक्रिय रहा. फेल्डमन कहते हैं, "ये ऐसे इलाके हैं जो अवचेतन में भी शिशुओं के संकेतों के आधार पर प्रतिक्रिया देते हैं."

बच्चे की खूब देखरेख करने वाले पिताओं के दिमाग के कॉग्नेटिव हिस्से बहुत सक्रिय हुए. कॉग्नेटिव हिस्सा ज्ञान और अनुभव के आधार पर तार्किक फैसले करता है. रिसर्च के दौरान देखा गया कि ऐसे पुरुष बच्चे की शक्ल देख कर ही पहचानने लगे कि उसे क्या चाहिए. बच्चा गोद लेने वाले 48 समलैंगिक पुरुषों के दिमाग की हलचल में मां और बाप दोनों के लक्षण थे. उनके दिमाग में ऐमिग्डाला और कॉग्नेटिव एरिया, दोनों ही अति सक्रिय रहे.

समलैंगिक जोड़ों को मां-बाप दोनों की भूमिका निभानी पड़ती है. फेल्डमन के मुताबिक इसी वजह से शायद उनके दिमाग के दो अलग अलग हिस्से महिला और पुरुषों की तुलना में ज्यादा तेजी से आपस में संपर्क करते हैं, "जब दो पिता हो तो उनके मस्तिष्क के भावनात्मक और तार्किक, दोनों नेटवर्कों को काम करना होता है, ताकि लालन पालन अच्छे से हो सके."

समलैंगिक जोड़ों को उम्मीद है कि ऐसी रिसर्च के आधार पर उन्हें बच्चा गोद लेने में आसानी होगी. अमेरिका समेत पश्चिम के कई देशों में समलैंगिक विवाह को मंजूरी तो है लेकिन बच्चा गोद लेने का मामले में कई कानूनी बाधाएं हैं.

ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स)