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मंडेला और सचिन स्कूल कोर्स में

२१ दिसम्बर २०१३

पश्चिम बंगाल में दसवीं के छात्र जल्दी ही अपनी स्कूली किताबों में रंगभेद के खिलाफ संघर्ष की मिसाल बने नेल्सन मंडेला और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बारे में पढ़ेंगे.

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इससे पहले पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के बारे में एक अध्याय शामिल किया गया था. अब पाठ्यक्रम तय करने वाली समिति इन दोनों हस्तियों को भी अगले शिक्षण सत्र से पुस्तक में शामिल करने पर विचार कर रही है.

शुरूआती बातचीत

नेल्सन मंडेला और सचिन तेंदुलकर को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के मुद्दे पर पाठ्यक्रम संशोधन समिति के अध्यक्ष अवीक मजुमदार और राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के बीच प्राथमिक दौर की बातचीत हो चुकी है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो समिति अगले शिक्षण सत्र से इन दोनों व्यक्तित्वों की जीवनी और उपलब्धियों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की सिफारिश कर सकती है.

पाठ्यक्रम संशोधन समिति के अध्यक्ष अवीक कहते हैं, "हम पाठ्य पुस्तकों को समकालीन और प्रासंगिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं. पहले इसमें शामिल ज्यादातर विषयवस्तु छात्रों की समझ से परे होती थी. इसकी वजह यह थी कि वह जीवन से नहीं जुड़े थे. छात्र अपने रोजमर्रा के जीवन में उन चीजों के बारे में अनुभव नहीं कर पाता था." अवीक ने बताया कि शुरूआती बातचीत में शिक्षा मंत्री ने समिति को इस मुद्दे पर आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी दिखा दी है. अब इन दोनों हस्तियों की उपलब्धियों के बारे में क्रमशः नौवीं और दसवीं कक्षा की पुस्तकों में एक-एक अध्याय शामिल किया जा सकता है. लेकिन इन दोनों के बारे में अध्याय को क्या इतिहास की पुस्तकों में जोड़ा जाएगा ? इस सवाल पर अवीक ने बताया कि फिलहाल यह तय नहीं हुआ है. लेकिन इनको इतिहास की बजाय अंग्रेजी की पुस्तक में भी जोड़ा जा सकता है.

Indien Südafrika Nelson Mandela in New Delhi
तस्वीर: P. MUSTAFA/AFP/Getty Images

गांगुली हैं शामिल

इससे पहले समिति भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम कप्तानों में शुमार रहे सौरव गांगुली को 11वीं और 12वीं कक्षा की बांग्ला विषय की पुस्तकों में प्रोजेक्ट वर्क के तौर पर शामिल कर चुकी है. समिति का वह अनुभव काफी अच्छा रहा है. छात्र गांगुली पर उस प्रोजेक्ट को बेहतर तरीके से करते रहे हैं. पाठ्यक्रम समिति के एक सदस्य कहते हैं कि क्रिकेट के प्रति छात्रों में काफी दिलचस्पी है. इसलिए ज्यादातर छात्र सौरव पर प्रोजेक्ट करने में रुचि लेते हैं और उनको इसमें अच्छे नंबर भी मिलते हैं.

इसके अलावा खासकर बंगाल में तमाम छात्र नेल्सन मंडेला के बारे में भी जानते हैं. जेल से रिहा होने के बाद मंडेला अपने भारत दौरे के समय कोलकाता भी आए थे. फिलहाल पश्चिम बंगाल बोर्ड की पांचवीं की एक पुस्तक में सचिन की तस्वीर है. लेकिन सबकुछ योजना के अनुरूप रहा तो अब उन पर पूरा अध्याय होगा.

सरकार का समर्थन

पाठ्यक्रम समिति के इस सुझाव का राज्य सरकार ने भी स्वागत किया है. शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु कहते हैं, "यह एक बढ़िया प्रस्ताव है. इससे विषय के प्रति छात्रों में दिलचस्पी भी पैदा होगी. सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं है." उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम समिति से इस मुद्दे पर औपचारिक प्रस्ताव भेजने को कहा गया है. मजुमदार कहते हैं, "मौजूदा दौर में समिति पाठ्यक्रम में समकालीन विषयों को शामिल करने का प्रयास कर रही है. मंडेला और सचिन पर अध्याय शामिल करना भी इसी प्रयास की कड़ी है."
पाठ्यक्रम समिति के इस अनौपचारिक प्रस्ताव से छात्रों और उनके अभिभावकों में खुशी है. एक अंग्रेजी स्कूल के आठवीं के छात्र सुमन गोयल कहते हैं, "पाठ्यक्रम में सचिन और मंडेला के बारे में विस्तार से पढ़ना काफी दिलचस्प होगा." एक अभिभावक धीरेंद्र नाथ कहते हैं, "यह अच्छी पहल है. मंडेला और सचिन की तरह ऐसी दूसरी हस्तियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए. इससे छात्रों का सामान्य ज्ञान भी बढ़ेगा." एक निजी स्कूल में शिक्षिका नवनीता बसु भी इसके पक्ष में हैं. वह कहती हैं, "पाठ्यक्रम में उबाऊ विषयों की जगह ऐसी दिलचस्प चीजों को शामिल किया जाना चाहिए. इससे छात्रों को समकालीन घटनाओं के बारे में बेहतर तरीके से जानकारी तो मिलेगी ही, विषय के प्रति उनमें दिलचस्पी भी पैदा होगी."

रिपोर्ट: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: महेश झा

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