भड़ास निकालने का अनूठा तरीका
७ अप्रैल २०११इस प्रोजेक्ट को चलाने वाले जर्मन कलाकर कहते हैं, "कौन सबसे घटिया है. बबल गम से वोट दो." ये वोटर अमेरिका की बड़ी टेलीफोन कंपनियों एटीएंडटी और वर्जिन में से किसी एक को चुन सकते हैं. ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं क्योंकि वे इन कंपनियों की ओर से दी जा रही सेवा से संतुष्ट नहीं है. कभी न्यूयॉर्क में भी उनकी कॉल अचानक बीच में ही कट जाती है तो कभी नेटवर्क ही ठप हो जाता है. आम तौर पर कॉल करते वक्त आने वाली आवाज की क्वॉलिटी भी खराब होती है.
यह प्रोजेक्ट न्यूयॉर्क की एक एड एजेंसी में काम करने वाले जर्मन कलाकार ने शुरू किया जो खुद विज्ञापन नहीं चाहते है. शहर में घटिया मोबाइल फोन सर्विस को उन्होंने अपनी मुहिम का आधार बनाया. 28 वर्षीय स्टेफान हाफरकैंप की इस मुहिम में लगभग 50 पोस्टर शामिल हैं. वह उन कंपनियों को निशाना बनाना चाहते हैं जो आईफोन तो ऑफर कर रही हैं लेकिन उन बुनियादी तकनीकी खामियों को दूर करने की तरफ उनका जरा भी ध्यान नहीं है जिनकी वजह लोगों को परेशानियों होती हैं. वह बस मार्केट में अपने दबदबे का फायदा उठा कर मुनाफा कमा रही हैं.
हाफरकैंप कहते हैं कि वह ऐसा कोई भी मुद्दा उठाते हैं जो लोगों से जुड़ा और फिर जनता से अपनी भड़ास निकालने को कहते हैं. कुछ लोगों को उनका तरीका पसंद आता है तो कई मुंह पिचका कर निकाल जाते हैं. युवा, कारोबारी और सैलानी बड़ी दिलचस्पी से उनके प्रोजेक्ट को देखते हैं और वोट करते हैं तो शॉपिंग करने निकले शहर के उम्रदराज लोग यह कह कर अपनी नाराजगी जताते है, "क्या बकवास है."
अब किसी को अच्छा लगे या न लगे. लेकिन इस मुहिम एक फायदा तो जरूर हो रहा है. जिस जगह ये पोस्टर रखे हैं, वहां जमीन पर बबल गम के कम निशान हैं. वरना शहर की दूसरी गलियां अकसर खाकर फेंकी जाने वाली बबल गमों से बदरंग दिखती हैं.
रिपोर्टः डीपीए/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह