बॉक्सर फ्लिंटॉफ का पहला विजयी पंच
१ दिसम्बर २०१२मैनचेस्टर सिटी में फ्लिंटॉफ का पहला मुकाबला देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हुए. 34 साल के फ्लिंटॉफ के सामने 23 साल के अमेरिकी मुक्केबाज रिचर्ड डॉसन थे. अमेरिकी मुक्केबाज की तुलना में छह फुट चार इंच के फ्लिंटॉफ दुबले पतले लेकिन ठोस दिख रहे थे.
मुकाबला शुरू होते ही आक्रमण की कमान फ्लिंटॉफ ने संभाली. क्रिकेट का महान ऑलराउंडर रह चुका खिलाड़ी शुरू से डॉसन के चेहर की तरफ मुक्के मारने की कोशिश करने लगा. पहले राउंड में ऐसा एक भी मौका नहीं आया जब फ्लिंटॉफ के कदम बचाव में पीछे हटे. हर बार डॉसन को पीछे हटना पड़ा.
दूसरे राउंड में भी ज्यादातर वक्त फ्लिंटॉफ ही भारी पड़े, लेकिन एक बार अटैक के चक्कर में उनका संतुलन गड़बड़ाया. अमेरिकी मुक्केबाज ने मौके का भरपूर फायदा उठाया और फ्लिंटॉफ को नॉक आउट कर दिया. गश खाकर गिरे फ्लिंटॉफ फिर उठ खड़े हुए और 5,000 दर्शकों के बीच चार राउंड तक चला मुकाबला जीत ले गए.
13 मिनट तक चली फाइट फ्लिंटॉफ 39-38 से जीते. जैसे ही जीत का एलान हुआ पूरा रिंग शोर से गूंज उठा. रिंग के करीब खड़ी फ्लिंटॉफ की पत्नी खुशी से झूम उठी. फ्लिंटॉफ ने अपने एक सहायक को गोद में उठा लिया. 2010 में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले चैंपियन खिलाड़ी ने बॉक्सिंग रिंग में भी जीत से शुरुआत की.
जीत के बाद फ्लिंटॉफ ने कहा, "यह मेरे लिए आसान नहीं था. मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी. मुझे लगा कि मैं वहां पहुंच सकता हूं और अंत में जीत भी सकता हूं."
क्रिकेटर से पेशेवर मुक्केबाज बने फ्लिंटॉफ को उनके पिता बैरी फ्लिंटॉफ और पूर्व विश्व चैंपियन मुक्केबाज शेन मैकगुइगन ट्रेनिंग दे रहे हैं.
ओएसजे/एनआर (एएफपी)