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पानी में सुपरबग पर भड़का भारत

८ अप्रैल २०११

भारत ने उस रिपोर्ट की तीखी आलोचना की है जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के पानी में ऐसा बैक्टीरिया मौजूद है जिस पर दवा का असर नहीं होता. सरकार ने कहा है कि इस रिपोर्ट का मकसद वैज्ञानिक नहीं था.

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तस्वीर: UNI

स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव वीएम कटोच के मुताबिक किसी देश या क्षेत्र पर दबाव बनाना वैज्ञानिक शोध का मकसद नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, "बहुत हो गया. हम सही मंच पर वैज्ञानिक तरीके से इसका जवाब देंगे." कटोच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के भी निदेशक हैं.

दिल्ली में सुपरबग

अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लानसेट ने खबर दी है कि दिल्ली से लिए गए पानी के एक चौथाई नमूनों में सुपरबग एनडीएम-1 पाया गया है. ये नमूने दिल्ली की गलियों से लिए गए.

Yamuna River in New Delhi - Indien
तस्वीर: AP

कटोच इस रिपोर्ट पर खासे नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में कही गई बातों के लिए न तो क्लीनिकल सबूत दिए गए हैं न ही महामारी विज्ञान के जरिए कुछ साबित किया गया है.

नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डिप्टी डायरेक्टर ने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों की रिसर्च का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि 1944 गर्भवती महिलाओं पर टेस्ट किए गए. इनमें से किसी के भीतर कार्बापेनेम नहीं मिला जबकि जिन लोगों की आंतों में एनडीएम-1 बैक्टीरिया होता है, उनमें कार्बापेनेम होना चाहिए.

आधारहीन रिपोर्ट

लानसेट की रिपोर्ट पर कटोच ने कहा कि वातावरण में बैक्टीरिया वाला एनडीएम-1 जीन मौजूद होना अलग बात है. इसका कोई क्लीनिकल या वैज्ञानिक आधार नहीं है. इसलिए इसे क्षेत्र से जोड़ना सही नहीं है, जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है. कटोच ने कहा कि असल बात यह है कि मरीजों पर दवाइयों का असर होता है यानी देश में एनडीएम-1 कोई बड़ी समस्या नहीं है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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