पाकिस्तान में शियाओं के जूलूस पर हमले में 13 मरे
१५ जनवरी २०१२जिला पुलिस प्रमुख सोहैल चट्टा ने कहा कि लोग खानपुर के मस्जिद से बाहर निकल रहे थे तभी धमाका हुआ. माना जा रहा है कि लोगों की रैली निकलने से पहले ही किसी ने मस्जिद के सामने बम लगा रखा था. ईमाम हुसैन पैगंबर मोहम्मद के नवासे थे और इनकी मौत सातवीं सदी में हो गई थी. ईमाम हुसैन की बरसी पर 40 दिन का शोक मनाया जाता है. खानपुर के मस्जिद में लोग 40वें दिन पर जमा हुए थे उसी दौरान धमाका हुआ.
पुलिस अधिकारी गजनफर अली ने कहा कि धमाके के बाद मस्जिद से बाहर आए लोग पुलिस पर पत्थरों की बौछार करने लगे और पुलिस को भीड़ भगाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. शुरुआत में पुलिसवालों को लगा कि धमाका एक बिजली के केबल की वजह से हुआ है लेकिन बाद में वहां बम धमाके की बात सामने आई. पंजाब के न्याय मंत्री राना सनाउल्लाह ने कहा है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. सनाउल्लाह के मुताबिक जुलूस के लिए सुरक्षा का बंदोबस्त कर दिया गया था लेकिन उसके बावजूद यह हादसा हुआ है.
अब तक किसी ने भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. शिया रैलियों पर हमलों के लिए इससे पहले तालिबान और कई सुन्नी चरमपंथी गुटों ने जिम्मेदारी ली है. कई सुन्नी गुट शिया तौर तरीकों को गैरइस्लामी मानते हैं. तालिबान सहित कई चरमपंथी गुटों ने पिछले सालों में शिया रैलियों पर हमले किए हैं. यह हमले एक के बाद एक इतनी जल्दी होते हैं कि पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने दिसंबर में चरमपंथियों का शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने मंत्री की अर्जी मान कर शियाओं के किसी धार्मिक मौके पर धमाके नहीं किए.
शिया और सुन्नी गुटों के बीच तनाव पर पाकिस्तानी सरकार इस वक्त ध्यान नहीं दे पा रही है. सरकार और सेना में अब भी बहस और बातचीत चल रही है और तख्तापलट की आशंकाओं पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरे टिकी हुई हैं. विश्लेषकों का मानना है कि सेना सुप्रीम कोर्ट की मदद से राष्ट्रपति जरदारी को उनके पद से हटाने की कोशिश कर सकती है.
रिपोर्टः एएफपी, एपी/एमजी
संपादनः एन रंजन