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पाकिस्तान में नाचने पर हत्या

१९ फ़रवरी २०१४

करीब दो साल पहले पाकिस्तान के कबायली कोहिस्तान जिले में पांच महिलाओं को मार दिया गया. जुर्म था नाचना गाना, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी और जो कबायली परंपरा की 'तौहीन' थी. आज भी इन महिलाओं के कातिल आजाद घूम रहे हैं.

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Pakistan Wahlen Badam Zari Kandidatin
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images

वीडियो में नाचती दिख रही पांच महिलाएं शादी में गई थीं और वहां मौजूद पुरुषों के साथ नाच गाने में हिस्सा ले रही थीं. इस मौके पर दुश्मन कबीले से भी कुछ पुरुष शामिल थे. कबायली नेताओं के मुताबिक यह उनकी परंपरा के खिलाफ था जिसमें महिलाओं और पुरुषों का एक साथ मिल कर नाचना गाना मना है. नेताओं ने पांच महिलाओं और दो पुरुषों को मौत की सजा सुनाई. इनमें से पांच महिलाओं की हत्या कर दी गई.

पाकिस्तान में महिला अधिकारों के लिए लड़ रहीं फरजाना बारी कहती हैं, "महिलाओं की हत्या जैसे अपराधों को परिवार की इज्जत बचाने के लिए महान काम बताया जा रहा है. सरकार को इसे रोक कर महिलाओं को हिंसा से बचाना चाहए." लेकिन महिलाओं के परिवारों को हत्या से कोई शिकायत नहीं बल्कि उन्होंने जाकर उन तीन पुरुषों का कत्ल कर दिया जो इस नाच गाने के लिए जम्मेदार थे.

Pakistan Protest gegen Drohenangriffe der USA
तस्वीर: Arif Ali/AFP/Getty Images

दोबारा करें कार्रवाई

महिला अधिकारों के लिए काम कर रहे संगठनों ने सरकार पर दबाव बना कर रखा है ताकि इन पांच कबालयी औरतों के हत्यारों को सजा मिले लेकिन अब तक इस सिलसिले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. पिछले महीने बारी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनके पास ताजा सबूत हैं और इस मामले पर जांच दोबारा करनी चाहिए. 2012 में इस मामले को बंद कर दिया गया था क्योंकि इलाके में भेजी गई दो जांच टीमें सबूत नहीं जमा कर पाई थीं.

महिला अधिकार कार्यकर्ता बारी खुद जांच टीम की सदस्य रही हैं लेकिन उनका कहना है कि स्थानीय कबायली नेताओं ने टीम को धोखा दिया क्योंकि वह मामले को छिपाना चाहते थे. "मुझे याद है कि जिन लड़कियों से हम जांच के दौरान मिले, उनका चेहरा वीडियो में लड़कियों से मिलता था लेकिन हो सकता है कि वह वही लड़कियां न रही हों. मुझे लगता है कि स्थानीय प्रशासन ने हमें गलत जानकारी दी." बारी के दावे का समर्थन मौलाना दिलदार अहमद ने किया. अहमद कोहिस्तान में स्थानीय प्रशासक हैं. उन्होंने हाल ही में मीडिया को बताया कि विवादित वीडियो में दिखाई गई सारी महिलाओं और पुरुषों को मार दिया गया है. महिलाओं को पहाड़ों के पास दफ्न कर दिया गया है और उन्हें खुद पता है कि यह जगह कहां हैं.

पुरुषों के कातिलों को सजा

सरकार और पुलिस, दोनों ने बारी और दिलदार अहमद के दावे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. खैबर पखतूनख्वाह स्थानीय सरकार के प्रवक्ता शाराज पराचा कहते हैं कि उन्हें मामले के बारे में पता ही नहीं और लड़कियों की मौत को लेकर नए सबूत की भी जानकारी नहीं है. इस बीच इस्लामाबाद के वकील मजहर अकरम ने इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने लाया है. अदालत ने अब पुलिस से कहा है कि वह पांच महिलाओं को पेश करे और अगर इनकी मौत हो गई है तो इनकी लाश लाई जाए.

लेकिन इस मामले के सुलझने के आसार कम हैं. पिछले साल पुलिस ने पांच लोगों को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया और पिछले हफ्ते इनमें से एक को मौत और बाकी चार को आजीवन कारावास की सजा दी गई. लेकिन यह सजा वीडियो में पुरुषों की हत्या के जुर्म के लिए दी गई. महिलाओं की हत्या को लेकर स्थानीय कानून चुप है.

एमजी/एजेए (डीपीए)