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पांच साल बाद नाकाम रही थोर्प की वापसी

५ नवम्बर २०११

दिग्गज तैराक इयान थोर्प सिंगापुर वर्ल्ड कप में शॉर्ट कोर्स के 100 मीटर बटरफ्लाई मुकाबले के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम हो गए. इसके साथ ही पांच साल बाद तैराकी में उनकी वापसी एक निराश शुरुआत बनी.

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तस्वीर: AP

पांच बार के ओलिंपिक चैम्पियन थोर्प 100 मीटर के व्यक्तिगत मिश्रित मुकाबले में शुक्रवार को दूसरे नंबर पर रहे थे. बटरफ्लाई हीट में 54.09 सेकेंड का समय लेकर वह तीसरे स्थान पर रहे लेकिन सब मिला कर वह 11वीं पोजिशन पर रहे और इसके साथ ही मेडल जीतने का मौका उनके हाथ से निकल गया.

इयान थोर्प के प्रशंसकों के लिए यह मुकाबला काफी निराश करने वाला साबित हुआ क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वह अगले साल ओलिंपिक में तैराकी के अमेरिकी सुपरस्टार माइकल फेल्प्स की बराबरी करेंगे.

हालांकि ऑस्ट्रेलिया के इस लंबे तैराक पर इस नाकामी का ज्यादा असर नहीं हुआ है. थोर्प ने पहले ही माना था कि उनकी वापसी इतनी आसान नहीं होगी. थोर्प कहते हैं, "मैं यहां मुकाबलों में पूरी तरह से हार जाने के स्थिति के लिए तैयार हो कर आया था मैं जानता था कि ऐसा ही होगा. जो लोग ऐसी उम्मीद नहीं कर रहे थे उन्हें सच्चाई का पता नहीं था."

थोर्प ने स्विट्जरलैंड में मशहूर कोच गेनांदी तोर्त्सकी से ट्रेनिंग ली है और उन्होंने फ्रीस्टाइल के नए वर्जन में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. यह वही मुकाबला है जिसने पिछले दशक के शुरुआती सालों में उन्हें तैराकी का सरताज बनाया. फिलहाल थोर्प की योजना बीजिंग और टोक्यो में शॉर्ट कोर्स के विश्वकप तैराकी मुकाबलों में शामिल होने की है और उनका पूरा ध्यान अब मार्च में ऑस्ट्रेलियाई ओलिम्पिक के ट्रायल्स पर है.

सिंगापुर में हार के बाद थोर्प ने कहा, "मैं अपने खराब प्रदर्शन के कारण खुद से बहुत नाराज हूं. अब मुझे पता चल गया है कि मुझे क्या करना है. रेसिंग मेरे लिए कठिन है. इस अंदाज में वापसी करना बहुत मुश्किल है." हालांकि ऐसा नहीं कि वह अपने प्रदर्शन से निराश हैं. उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं कि मैं गिर गया हूं, मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं अभी ट्रैक पर हूं. बस इतना ही है कि अगर मेरा प्रदर्शन थोड़ा बेहतर होता तो मुझे ज्यादा अच्छा लगता."

सिंगापुर से पहले थोर्प ने 2006 में ऑस्ट्रेलियाई चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था. तब 24 साल के रहे थोर्पे ने 100 मीटर फ्रीस्टाइल में जीत हासिल की थी और प्रेरणा की कमी को वजह बता कर तैराकी के मुकाबलों से छुट्टी ले ली. 2000 से 2004 के बीच उन्होंने पांच ओलिंपिक मेडल और 11 वर्ल्ड कप मेडल जीते. 14 ओलिंपिक मेडल जीतने वाले माइकल फेल्प्स भी थोर्प को ही अपनी प्रेरणा मानते हैं.

थोर्प का कहना है कि लोग तैराकी की जटिलताओं को कम कर के आंकते हैं. उनके मुताबिक, "मैंने लोगों से कहा है कि अगर मुझे दोबारा तैराकी करनी है तो जहां मैं था वहां पहुंचने में कम से कम तीन साल लगेंगे."

रिपोर्टः एएफपी/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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