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नीली स्याही की दीवानगी

१७ अप्रैल २०१४

मतदान को लेकर पहली बार वोटर बने युवाओं में तो उत्साह है ही, साथ ही इस बार नेताओं में भी नीली स्याही की दीवानगी साफ नजर आ रही है.

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Indien Parlamenstwahlen 2014
तस्वीर: Reuters

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा में उपनेता रविशंकर प्रसाद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर आज जब पटना साहिब संसदीय क्षेत्र में अपने अपने मतदान केंद्रों पर वोट डालने आए, तो उन तीनों में एक बात सामान्य थी. तीनों ही अंगुली पर नीली स्याही लगवाने को लेकर बेहद उत्साहित थे.

वोट करने के लिए अलग अलग मतदान केंद्रों पर आए इन नेताओं को जब चुनावकर्मियों ने बाएं हाथ की तर्जनी पर छोटा सा निशान लगाया, तो इन नेताओं ने चुनावकर्मियों से अंगुली पर साफ साफ निशान लगाने का आग्रह किया. इस पर इन तीनों नेताओं की अंगुली पर चुनावकर्मियों को दोबारा मतदान के निशान की स्याही लगानी पड़ी. इसके बाद ही बीजेपी के ये नेता संतुष्ट नजर आए.

उधर पहली बार मतदाता बने युवकों में भी मतदान को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है. ऐसे मतदाता वोट करने के बाद अपनी अंगुलियों पर लगे निशान को खुशी से कभी खुद निहारते तो कभी दूसरे को दिखाते.

इससे पहले के चुनाव में देखा जाता रहा है कि मतदाता, खास कर युवा, मतदान के निशान को वोट डालने के तुरंत बाद हटाने की कोशिश करते थे. लेकिन अब चुनाव आयोग और विभिन्न संगठनों के प्रयास का ही शायद यह परिणाम है कि मतदाता वोट और उसके निशान को लेकर गर्व और खुशी का अनुभव कर रहे हैं. वोट डालने के तुरंत बाद वे स्याही वाली उंगली की तस्वीर फेसबुक और ट्विटर पर भी पोस्ट कर रहे हैं

आईबी/एएम (वार्ता)