1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नहीं रहा सदी का ट्रेन लुटेरा

१८ दिसम्बर २०१३

ब्रिटेन के कुख्यात लुटेरे रॉनी बिग्स का 84 साल की उम्र में निधन हो गया है. 1963 में बिग्स और उसके साथियों ने ग्लासगो से लंदन जा रही है एक ट्रेन पर हमला कर 26 लाख पाउंड लूट लिए थे.

https://p.dw.com/p/1Abv8
Posträuber Ronnie Biggs gestorben ARCHIVBILD 1992
तस्वीर: Reuters

ब्रिटेन के इतिहास की इस सनसनीखेज ट्रेन लूट के बाद ही बिग्स को सबसे खतरनाक लुटेरे का खिताब मिला था. इस लूट के बाद बिग्स रियो डी जनेरो भाग गया था. 35 साल तक बिग्स फरार रहा लेकिन 71 साल की उम्र में वह ब्रिटेन लौट आया. फरारी के दौरान बिग्स को तीन बार दिल का दौरा भी पड़ा. उसने ब्रिटेन लौटने का कारण ब्राजील में इलाज नहीं करा पाना बताया था. ब्रिटेन लौटते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. 2009 में बिग्स को सहानुभूति दिखाते हुए जेल से रिहा कर दिया गया.

लूटी थी बड़ी रकम

पांच दशक पहले 26 लाख पाउंड बहुत बड़ी रकम होती थी. आज उसकी कीमत करीब साढ़े 4 करोड़ पाउंड के बराबर है. हालांकि इस लूट के बाद गिरोह के सदस्य ज्यादा दिन तक आजाद नहीं रह पाए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बिग्स को 30 साल की सजा हुई. लेकिन 15 महीने जेल में बिताने के बाद वह रस्सी के सहारे जेल की दीवार फांद कर भागने में कामयाब हुआ. जेल से फरार होने के बाद वह पेरिस पहुंचा, जहां उसने प्लास्टिक सर्जरी की मदद से अपना चेहरा बदल लिया.

Posträuber Ronnie Biggs ausgeraubter Zug 1963
इसी ट्रेन से लूटे गए थे पाउंडतस्वीर: picture-alliance/dpa

पेरिस में भी वह ज्यादा दिन नहीं टिका और उसने अपना अगला ठिकाना ऑस्ट्रेलिया को बनाया. जब बिग्स पर पुलिस का शिकंजा कसने लगा तो वह ऑस्ट्रेलिया से भी फरार हो गया और ब्राजील जा पहुंचा. ब्राजील में उसकी प्रेमिका गर्भवती हो गई. जिसका फायदा बिग्स को हुआ. ब्राजील के कानून के मुताबिक बिग्स को ब्रिटेन प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता था.

नहीं जताया अफसोस

बिग्स ने उस बड़ी लूट के लिए कभी अफसोस नहीं जताया हालांकि वह जरूर कहता था कि ट्रेन के ड्राइवर के सिर पर किया गया वार अफसोसजनक था. ट्रेन का ड्राइवर सिर पर लगी चोट के कारण कभी काम नहीं कर पाया और कुछ सालों बाद उसकी मौत हो गई. इसी साल की शुरुआत में इस बूढ़े लुटेरे ने अपने साहसी कांड पर गर्व करते हुए कहा था कि उसे कोई अफसोस नहीं है. 84 साल का लुटेरा बातचीत की हालत में नहीं था. उसने अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्पेलिंग बोर्ड का सहारा लिया था.

बिग्स ने कहा था, "अगर आप यह पूछना चाहते हैं कि ट्रेन लुटेरों के गिरोह में से एक होने के नाते मुझे कोई अफसोस है? तो मेरा जवाब ना होगा. मुझे गर्व है कि मैं उस गिरोह का सदस्य था. इस लूट का मास्टरमाइंड मुझे कहा जाता है. मुझे इस बात पर खुशी है. उस रात मैं वहां मौजूद था. मैं उस वारदात के चंद चश्मदीदों में से एक हूं जो जिंदा या मुर्दा हैं.''

एए/एमजे (एपी,डीपीए)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें