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डायबिटीज में खाएं दो बार खाना

२८ मई २०१४

सुबह जी भर के नाश्ता और दोपहर को तसल्ली से खाना, इस तरह का खानपान टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को फायदा पहुंचा सकता है. अब तक उन्हें दिन में छह बार थोड़ा थोड़ा खाने की सलाह दी जाती रही है.

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तस्वीर: Fotolia/Zsolt Biczó

प्राग में हुई एक ताजा रिसर्च के अनुसार दिन में दो बार पेट भर के खाना टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है. प्राग के आईकेम इंस्टीट्यूट की रिसर्चर हाना काह्लिओवा ने बताया, "हमने डायबिटीज के मरीजों पर दिन में पांच से छह बार थोड़ा खाना खाने और दूसरी तरफ दिन में दो बार पेट भर कर खाने के बीच तुलना की. कुल कैलोरी दोनों ही में समान रखी गई."

इस रिसर्च में 54 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया. ये सभी 30 से 70 साल के बीच की उम्र के थे. इन्हें टाइप टू डायबिटीज के अलावा मोटापे की समस्या भी थी. टाइप टू डायबिटीज इंसुलिन पर निर्भर नहीं होता है, बल्कि इस स्थिति में शरीर या तो इंसुलिन की क्रियाशीलता में बाधा पैदा करता है या फिर इंसुलिन के निर्माण में बाधा डालता है.

जिन मरीजों को नाश्ते और दोपहर के खाने में पेट भर के खाना खिलाया गया, दो हफ्ते में उनका वजन 1.4 किलो घट गया. यह उन मरीजों के मुकाबले कहीं ज्यादा था जिन्हें दिन में पांच से छह बार थोड़ा थोड़ा खिलाया गया.

काह्लिओवा ने बताया, "सुबह और दोपहर में खाने वाले मरीजों में जब खाली पेट पर शुगर, इंसुलिन और ग्लूकागॉन का स्तर देखा गया तो वह भी तेजी से कम होता पाया गया. इंसुनिल के प्रति उनकी शारीरिक प्रतिक्रिया में भी सुधार हुआ."

हालांकि उन्होंने इस बात की चेतावनी भी दी कि डायबिटीज के जो मरीज पहले से इंसुलिन ले रहे हैं वे इस तरह का खानपान बिना डॉक्टरी सलाह के शुरू न करें, क्योंकि इस तरह के खानपान के साथ इंसुलिन की खुराक को भी बदलने की जरूरत पड़ेगी.

काह्लिओवा ने बताया कि इन परिणामों की पुष्टि के लिए आगे और रिसर्च की जरूरत है. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ एक रिसर्च के आधार पर लोगों को इसे अपनाने की सलाह नहीं दे सकते."

एसएफ/आईबी (एएफपी)