टैक्सचोरों का मददगार स्विस बैंक बंद
६ जनवरी २०१३"वेगेलिन को अब बैंक की तरह काम करने से रोक दिया गया है," गुरुवार को जब बैंक के मुख्यालय सेंट गालेन से यह संदेश जारी हुआ तो किसी को हैरानी नहीं हुई. बैंक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को मान लिया है. बीते साल की शुरूआत में स्विट्जरलैंड के सबसे पुराने बैंक वेगेलिन पर जब टैक्स चोरी में मदद के आरोप लगे तो ज्यूरिष और जेनेवा में हड़कंप मच गया था.
बैंक के तीन मैनेजरों पर पिछले साल अमेरिकी नागरिकों को टैक्स चोरी में मदद करने के आरोप लगे. सिर्फ इतना ही नहीं बैंक खुद भी अदालती मुकदमों के जाल में फंस गया और तब वेगलिन के प्रमुख कोनराड हुमलर और उनके साझीदारों के पास इसे आनन फानन में बेच कर बंद करने के अलावा और कोई उपाय नहीं रहा. बैंक का सबसे बड़ा हिस्सा स्विस सहकारी बैंक राइफआइजेन को करीब 32 करोड़ डॉलर में बेचा गया. राइफआइजेन वेगेलिन के फायदे वाले धंधों को नोटेन्सटाइन बैंक के बैनर तले चलाता रहेगा.
अमेरिकी टैक्स चोरों के साथ बैंक ने जो कारोबार किया उसे इस सौदे से बाहर रखा गया है और वह वेगेलिन के नाम पर ही चलता रहेगा. मकसद यह है कि इस "बुरे बैंक" को बंद भी कर दिया जाए और साथ ही अमेरिकी अभियोजकों के साथ एक समझौता भी कर लिया जाए. इसके लिए न्यूयॉर्क की कोर्ट में बैंक और कानूनी अधिकारियों की तरफ से एक गलती मानने की याचिका दायर कर दी गई है. लंबे समय से इस याचिका का इंतजार था जो गुरुवार को दायर की गई.
वेगेलिन के साझीदार हमल और ओटो ब्रुडेरर के लिए मैनहटन की संघीय जिला अदालत में सुनवाई के लिए जाना निश्चित रूप से उनके करियर के लिए सबसे निराश करने वाले पल थे. ब्रुडेरर ने बैंक के नाम गलती करने की बात मान ली. उन्होंने माना कि वेगेलिन, "कुछ अमेरिकी करदाताओं के साथ कर चोरी में शामिल होने पर रजामंद हुआ." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बैंक जानता था कि ये लोग गलत टैक्स रिटर्न दाखिल कर रहे हैं.
इस गड़बड़झाले के तहत करीब 1.2 अरब डॉलर की रकम छिपाई गई और इसके एवज में वेगेलिन कुल 7.4 करोड़ डॉलर की रकम का भुगतान करेगा. इसमें टैक्स चोरी, गैरकानूनी फायदा और जुर्माने की रकम शामिल है. इसके बदले में अमेरिकी अधिकारी बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई बंद कर देंगे. इस फैसले की अभी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इसी साल मार्च महीने की चार तारीख को इस पर औपचारिक मुहर लग जाएगी.
वेगेलिन भले ही बैंक के रूप में गायब हो जाए लेकिन अमेरिकी अभियोजकों ने यह साफ कर दिया है कि स्विस वित्तीय संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई यहीं खत्म नहीं होगी. अमेरिका में काम न करने वाले किसी विदेशी बैंक के खिलाफ इस तरह से अमेरिकी अदालत में कार्रवाई पहली बार जरूर हुई है लेकिन आखिरी बार नहीं. अमेरिका अपने नागरिकों के विदेशी बैंकों के जरिए टैक्स चोरी के मामलों को रोकने के लिए अभियान चला रहा है और इस तरह की गड़बड़ियों में केवल स्विस बैंक ही शामिल नहीं हैं. ऐसी खबर है कि अमेरिकी अधिकारियों की निगाह में दर्जनों दूसरे बैंक भी हैं. इनमें स्विस बैंक यूपीएस, क्रेडिट सुइस और जूलियस बायर भी हैं.
इन बैंकों को कोर्ट की कार्रवाई से मुक्ति मिल सकती है बशर्ते कि वो अपने आप ही वो सब करें जो वेगेलिन को दबाव में आने के बाद करना पड़ा. इन्हें अमेरिकी अधिकारियों को अमेरिकी नागरिकों से जुड़े सारे खातों का ब्यौरा सौंपना होगा. कुछ बैंकों ने तो यह करना पहले ही शुरू कर दिया है.
उधर स्विस डेमोक्रैटिक पार्टी ने भी इस बात की वकालत की है कि देश में बैंकों का ब्यौरा गोपनीय रखने के सालों पुराने नियमों को खत्म कर दिया जाए. इसके बाद टैक्स से जुड़ी जानकारियां खुद ही दूसरे देशों के साथ साझा होने लगेंगी और समस्या खत्म हो जाएगी. जानकारों का मानना है कि इस बड़े मामले के बाद टैक्स चोरों को पकड़ने और बैंकिंग सेवा देने वाली कंपनियों के रवैये में भारी बदलाव आएगा.
एनआर/एमजे (डीपीए)