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जुए के पीछे जीन

१९ जून २०१४

जो लोग बात बात पर शर्त लगाने को तैयार रहते हैं, असल में उनकी आनुवांशिक संरचना इसके लिए जिम्मेदार है. एक अमेरिकी स्टडी में पाया गया है कि जुए की लत का भी इंसान के जीन से सीधा संबंध है.

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तस्वीर: Fotolia/A. Nowak

आखिर कुछ लोग शर्त लगाने के लिए हमेशा उतावले और दूसरे इससे दूर-दूर क्यूं रहते हैं? इस बात की जड़ में जाने के लिए अमेरिका के शोधकर्ताओं ने करीब 200 लोगों पर शोध किया. रिसर्चरों ने पाया कि किसी भी इंसान की आनुवांशिकी उसके जीवन में शर्त, जुए या फिर निवेश के मामलों पर निर्णय लेते समय बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

विशेषज्ञों ने जिस खास जीन को इस आदत के लिए जिम्मेदार पाया वह डोपामीन नाम के एक हॉर्मोन की भूमिका को नियंत्रित करता है. डोपामीन एक ऐसा रसायन है जिसका स्राव मस्तिष्क में होता है और इससे निकलने वाले सिग्नलों से हमें खुशी का एहसास होता है. यही रसायन खुशी के लिए हमें प्रेरित भी करता है जिसके असर के कारण हम कई तरह के इनाम जीतने की कोशिश करते हैं.

दूसरों के साथ सामाजिक संपर्क में भी डोपामीन की मात्रा काफी अहम भूमिका निभाती है. बर्कले की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रिसर्चर बताते हैं कि नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस की पत्रिका में प्रकाशित हुई यह अपने तरह की पहली स्टडी है जिसमें दिखाया गया है कि जीन किस तरह दिमाग में डोपामीन की क्रियाओं को नियंत्रित करता है. इस स्टडी का नेतृत्व करने वाले रिसर्चर मिंग सू बताते हैं, "यह स्टडी दिखाती है कि जीन किस तरह जटिल सामाजिक व्यवहार को प्रभावित करते हैं."

Symbolbild Grundsatzurteil USA zur Patentierung menschlichen Erbguts
खास जीन हैं जिम्मेदारतस्वीर: Fotolia/majcot

इस रिसर्च में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया ने सिंगापुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के 217 छात्रों को शामिल किया. इन छात्रों के जीनोम को स्कैन कर करीब सात लाख जेनेटिक वैरिेएंट निकाले गए. इसके बाद रिसर्चरों ने इनमें से कुछ खास वैरिेएंट पर गहराई से शोध किया. रिसर्च से पता चला कि इन वैरिेएंट में से कुछ 12 जीन ऐसे हैं जो डोपामीन को नियंत्रित करते हैं. जब ये छात्र किसी तरह के प्रतियोगी खेल में शर्त लगा रहे थे उस दौरान भी रिसर्चरों ने इन छात्रों के दिमाग की एमआरआई स्कैनिंग कर इस गतिविधि को समझा.

इस तरह की शर्त में वे कंप्यूटर के जरिेए किसी अनजान विरोधी के साथ शर्त लगा रहा थे. रिसर्च में पाया गया कि जो छात्र अपने विपक्षी की सोच का सही सही अनुमान लगा कर उसके हिसाब से अपनी प्रतिक्रिया तय कर पाए उनमें यह सारे विचार तीन खास तरह के जीनों से नियंत्रित हुआ. यही जीन मस्तिष्क में डोपामीन के स्राव को नियंत्रित कर रहे थे. इस स्टडी से साबित होता है कि कोई भी फैसला लेने में जीन कितनी बड़ी भूमिका निभाते हैं. चाहे कोई बड़ा निवेश करना हो या फिर किसी खेल के नतीजों को लेकर शर्त लगानी हो.

आरआर/एमजे (एएफपी)