जर्मनी से शुरू हुआ बीटल्स का सफर
५ अक्टूबर २०१२आइवी की बेल घर के दरवाजे के चारों ओर फैली हुई हैं. पूरा आंगन अस्त व्यस्त है. पहली नजर में समझ नहीं पाते कि यह जगह संगीत के लिए अहम हो सकती है. जब थोड़ा और आगे जाएं तो लोगों को एक आईना दिखाई देता है. यहां लिखा है, 1960 में यहां बीटल्स रहते थे. साथ ही लगा है एक फोटो. यहां हैम्बर्ग में लड़कों के मशहूर बैंड का पहला सुराग मिलता है.
यहां कोने पर ही पेटर पेट्सोल्ड रहते थे. उस समय वह दस साल के थे. वह हैम्बर्ग में सेंट पाउली में पले बढ़े हैं, मशहूर रेपरबान के आसपास का इलाका. जहां बीटल्स का करियर शुरू हुआ.
यह खस्ताहाल मकान पहले सिनेमाघर था, नाम था बाम्बी कीनो. इसमें नन्हें पेट्सोल्ड डिजनी फिल्म देखा करते थे. इस सिनेमाघर में लीवरपूल से आए युवा तीन महीने रहे. आज 62 साल के पेट्सोल्ड याद करते हैं, हमारे लिए वह सिर्फ इंग्लिश रॉकबैंड थे जो यहां रहते थे. वे हैम्बर्ग के रॉक बैंड्स से बिलकुल अलग दिखते थे. उन्हें याद है कि ये लोग हमेशा काली जीन्स पहनते थे. हम बहुत खुश थे कि पांच साल बाद हमें ब्लू जीन्स मिली.
17 अगस्त 1960-बीटल्स का पहला कार्यक्रम
थोड़ा ही आगे जाकर सड़क के उस ओर इन्द्रा है. वह दुकान जहां बीटल्स ने 17 अगस्त 1960 के दिन अपना पहला कार्यक्रम दिया था. पहले यह एक क्लब था. जब बीटल्स ने यहां कार्यक्रम दिया तो यह एक रॉक एंड रोल दुकान थी. यहां भी एक सुनहरी तख्ती उस समय के बारे में बताती है.
48 कार्यक्रमों के बाद बीटल्स इन्द्रा के बाद वहीं थोड़ी दूर के दूसरे क्लब काइजरकेलर में कार्यक्रम देने लगे. इसका और इन्द्रा का मालिक एक ही है. यहां वह रिचर्ड स्टार्के से मिले जो बाद में रिंगो स्टार के नाम से जाने गए. उस समय वे 'रोरी स्टॉर्म एंड द हरिकेन्स' के ड्रमर थे.
काइजरकेलर में कुछ मुश्किल सप्ताहों के बाद बीटल्स रेपरबान के दूसरे क्लब टॉप टेन में जाना चाहते थे. लेकिन इसमें जॉर्ज हैरिसन पर रोक लगा दी गई क्योंकि 17 साल की उम्र में उन्हें नाइट क्लब में परफॉर्म करने की अनुमति नहीं दी गई. कहते हैं कि पुराने क्लब के मालिक ने पुलिस को उनके बारे में बता दिया था. क्योंकि वह बीटल्स से बहुत नाराज था. इसके बाद वह इंग्लैंड लौट गए.
22 जून 1961- पहला रिकॉर्ड
1961 के शुरुआत में बीटल्स फिर हैम्बर्ग आए और तीन महीने उन्होंने टॉप टेन क्लब में कार्यक्रम दिए. इसी दौरान उन्होंने टोनी शेरिडन के साथ साजिंदों के तौर पर पहला रिकॉर्ड द बीटब्रदर्स बनाया. यह रिकॉर्डिंग लीवरपूल के संगीतकारों के लिए बढ़िया साबित हुआ. पेट्सोल्ड बताते हैं कि इस रिकॉर्ड के साथ ब्रायन एपश्टाइन सामने आए जिन्होंने बैंड को पॉप चमत्कार बना दिया. ऐसा नहीं होता अगर उन्होंने हैम्बर्ग में यह रिकॉर्ड नहीं बनाई होती.
1962 में स्टार क्लब
पहले सिंगल लव मी डू के कुछ महीने पहले बीटल्स को नए स्टार क्लब में गाने का मौका मिला. और पांच अक्टूबर 1962 को उनका यह पहला गाना रिलीज हुआ. अभी वह टॉप कलाकारों में शामिल नहीं हुए थे लेकिन जैसे ही लव मी डू चार्ट्स पर चढ़ा बीटल्स का नाम मशहूर हो गया.
एक बोर्ड यहां भी लगा है जहां एक समय यह क्लब होता था. यह इमारत पूरी तरह गायब हो गई है. पास के एक डिस्को से भरी दोपहर में जोर से संगीत बज रहा है. यहां आज भी ग्रोसे फ्राइहाइट नाम की गली में ग्रेटल एंड आल्फोन्स पब है. बीटल्स और स्टार क्लब में कार्यक्रम देने वाले कई अन्य संगीतकारों का चहेता पब.
युवा पेटर पेट्सोल्ड उस समय ऑटोग्राफ लेने के लिए क्लबों के चक्कर लगाया करते थे. इस कारण वह कई स्टार्स के बहुत नजदीक थे. आज की तुलना में उस समय ऑटोग्राफ लेना बहुत आसान था. बैंड्स के साथ हम बार पर बैठते और फिर वह स्टेज पर जाते. स्टार क्लब का इतिहास एक बड़े परिवार की तरह था. इसमें बैंड्स के सदस्य, डोरमैन, दर्शक और नियमित रूप से आने वाले लोग होते. बीटल्स या कहें बैंड के एक सदस्य से पेट्सोल्ड हैम्बर्ग में लेदर की एक दुकान में 1966 में तब मिले जब वे मशहूर हो चुके थे. पैट्सोल्ड वहां भी ऑटोग्राफ के लिए जाते. पैट्सोल्ड कहते हैं, "अचानक वहां जॉन लेनन आ गए. तीन वाक्य, एक ऑटोग्राफ और वह चले गए."
रिपोर्ट: जानीन अलब्रेष्ट/आभा मोंढे
संपादन: महेश झा