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ग्वांतानामो जेल यानी धरती का नर्क

११ जनवरी २०१२

नारंगी रंग की पोशाक और बेड़ियों में जकड़े शरीर को लेकर हल्के हल्के टहलते कैदियों की तस्वीर ग्वांतानामो जेल का इशारा करती है. अमेरिका की ऐसी जेल, जहां कोई कानून नहीं चलता और आरोपी को अपराधी से ज्यादा खतरनाक माना जाता है.

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तस्वीर: AP

यह जेल गैरकानूनी है. गैरकानूनी जमीन पर बनी है और गैरकानूनी ढंग से कैदियों को रखा गया है. सिर्फ शक की बुनियाद पर कुछ ऐसे कैदी रखे गए हैं, जिन पर नागरिक अदालत में औपचारिक रूप से कोई आरोप नहीं लगाए गए हैं. लेकिन अमेरिका समझता है कि वे कभी न कभी उसके लिए खतरा बन सकते हैं. जब तक किसी का अपराध साबित नहीं हो जाता, वह अपराधी नहीं माना जाता, लेकिन इस जेल में कानून का कोई लेना देना नहीं है. कहने को वहां अमेरिकी सेना का कानून चलता है लेकिन जो रिपोर्टें आती हैं, वे सिहरा कर रख देती हैं.

वाटर बोर्डिंग की तो खबरें कई बार आईं, जिसमें कैदियों पर सूचना लेने के लिए डूबने का अहसास कराने की हद तक जुल्म किया जाता है. उन्हें लगता है कि वे किसी भी पल वह डूब जाएंगे. लेकिन यह तो सिर्फ एक तरीका है. मानव अधिकारों की जम कर वकालत करने वाला अमेरिका ग्वांतानामो में मानवीय अधिकारों की धज्जियां उड़ाता है. कैदियों को स्लीप डिप्रिवेशन के हाल में डाल दिया जाता है. यानी उन्हें सोने नहीं दिया जाता. अगर सो गए तो कच्ची नींद में उठा दिया जाता है. फिर थोड़ी देर सोने दिया जाता है, फिर उठा दिया जाता है. ऐसा हाल कर दिया जाता है कि वे न तो सो सकें, न जग सकें. इसका असर सीधा दिमाग पर पड़ता है, सोचने समझने की शक्ति कम हो सकती है, ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है, शुगर की बीमारी हो सकती है या फिर आदमी पगला सकता है.

No-Flash Guantanamo
तस्वीर: AP

जुल्म की हद

ग्वांतानामो बे के कैदियों के लिए गर्मी के मौसम में तापमान और बढ़ा दिया जाता है, सर्दियों में कुल्फी जमा देने वाली हालत पैदा कर दी जाती है और कंबल छीन लिए जाते हैं. कंटीले तारों और टूटे हुए शीशे से शरीर गोदा जाता है और कभी कभी सिग्रेट से बदन दाग दिया जाता है. यातना का ऐसा स्तर कम से कम किसी दुनियावी जेल में तो नहीं देखा गया है. मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे धरती का नर्क बताते हैं.

किसी जमाने में क्यूबा और हैती से आने वाले शरणार्थियों को ग्वांतानामो बे के नौसैनिक अड्डे पर रखा जाता था. यह इलाका अमेरिका में नहीं, बल्कि इसके दक्षिण में क्यूबा की जमीन पर है. दस साल पहले राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अमेरिका पर हुए आतंकी हमले के बाद अफगानिस्तान और बाद में इराक युद्ध के खतरनाक कैदियों को यहां रखने का फैसला किया. उसकी एक वजह तो उन्हें आम कैदियों से दूर रखने की योजना थी लेकिन उससे भी कहीं बड़ी वजह कि अमेरिकी धरती पर न होने की वजह से वहां अमेरिकी कानून लागू करने का कोई दबाव नहीं था.

Uigurische Häftlinge auf Guantanamo
तस्वीर: AP

ढकी छिपी जेल

अमेरिका इस बात से इनकार नहीं करता है कि वहां के कैदियों पर जुल्म नहीं ढाया जाता लेकिन कितना, इस बारे में कोई जवाब नहीं मिलता. पूरा इलाका सीलबंद है और परिंदे को भी पर मारने की इजाजत नहीं है. मीडिया और रिपोर्टर वहां का रुख नहीं कर सकते और जो इक्का दुक्का तस्वीरें हैं, वे भी अमेरिकी सेना की मदद से सामने आई हैं. कैदियों के वकीलों को कभी कभी इस जेल में जाने की अनुमति मिली है और वे रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियां लेकर लौटे हैं. रेड क्रॉस के कुछ प्रतिनिधियों को ग्वांतानामो जेल में जाने की इजाजत जरूर रही है लेकिन उनसे ज्यादा सूचनाएं बाहर नहीं आ पाई हैं.

हालांकि खुद अमेरिकी सेना इसे खतरनाक नहीं मानता. ग्वांतानामो गार्ड फोर्स की कमान संभालने वाले कर्नल डॉनी थॉमस का कहना है, "अगर आप नियमों का पालन करेंगे, तो कैंप 6 में रहेंगे, नहीं करेंगे तो कैंप 5 में जाना होगा." जेल में बचे 171 कैदियों में से 80 प्रतिशत कैंप 6 में हैं. थॉमस का दावा है कि उन्हें आराम से रहने दिया जाता है. वे टेलीविजन देख सकते हैं, रेडियो सुन सकते हैं, अखबार पढ़ सकते हैं और अपने रिश्तेदारों से फोन पर बात भी कर सकते हैं.

Camp Justice Guantanamo FLASH-GALERIE
तस्वीर: picture-alliance/dpa

ग्वांतानामो तेरे कितने कैंप

और कैंप 5 में. कैंप 5 में जाते ही खतरनाक दिखने वाली नारंगी पोशाक पहननी पड़ती है. वहां से लौटे अल्जीरियाई कैदी साबेर लहमार का कहना है, "कैंप 5 बहुत खतरनाक है. आप चल नहीं सकते. बात नहीं कर सकते. सब कुछ मना है." और इससे भी बुरा हाल है कैंप 5 इको का. 17 कैदियों के वकील डेविड रेमेस का कहना है, "यह पुराने जमाने की यातना की याद दिलाने वाला कैंप है. यह इतना छोटा है कि टॉयलेट जाने के लिए आपको पूरा बदन दोहरा करके मोड़ लेना पड़ता है."

कई बार जुल्म से तंग आकर कैदी खुदकुशी की कोशिश करते हैं. 2008 में आत्महत्या के प्रयास के 23 मामलों की बात सामने आई लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि असल संख्या इससे कहीं ज्यादा है. चार लोगों ने तो ग्वांतानामो की जेल में खुदकुशी कर भी ली. इस घटना को अमेरिकी फौज कुछ इस तरह बताती है, "इन लोगों ने पहले से तय करार के तहत अपनी जान ले ली."

वैसे खबरों में ग्वांतानामो का डेल्टा कैंप सबसे ज्यादा रहता है. लेकिन चर्चा एक कैंप 7 की भी होती है, जिसके बारे में आम तौर पर कोई नहीं कहता. लेकिन बताया जाता है कि इसी कैंप 7 में 9/11 की साजिश के आरोपियों और कुछ दूसरे कैदियों को रखा गया है. मीडिया और वकील तो छोड़िए, वहां तक आम सैनिक भी नहीं पहुंच सकता है.

रिपोर्टः अनवर जमाल अशरफ

संपादनः महेश झा