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गैस धमाके की उच्च स्तरीय जांच

२७ जून २०१४

आंध्र प्रदेश के गैस पाइप लाइन हादसे की जांच में गेल और ओएनजीसी के अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है. पाइप लाइन में धमाके के बाद लगी विकराल आग ने 14 लोगों की जान ली.

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के नगरम गांव में बिछी गेल की पाइप लाइन में सुबह साढ़े पांच बजे लगी. आग इतनी विकराल थी कि देखते देखते आस पास के कई मकान जल गए. 14 लोग जिंदा जल गए. 18 की हालत गंभीर है. ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया.

पू्र्वी गोदावरी जिले में बिछी ये पाइप लाइन भारतीय गैस प्राधिकरण (गेल) की है. इसके जरिए पूर्वी गोदावरी जिले से निकाली गई गैस ओएनजीसी के पावर प्लांटों को सप्लाई की जाती है. अधिकारियों के मुताबिक सुबह साढ़े पांच बजे एक धमाके के साथ पाइपलाइन में आग लग गई. आग की लपटें कई मीटर ऊंची उठीं.

भारत के पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. प्रधान के मुताबिक, "आग पर काबू पा लिया गया है. स्थिति बहुत गंभीर है."

उच्च स्तरीय जांच समिति की अगुवाई पेट्रोलियम मंत्रालय के संयुक्त सचिव करेंगे. उनके साथ ऑयल इंडस्ट्री सेफ्टी डायरेक्टोरेट, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के अधिकारी भी होंगे. जांच समिति में गेल और ओएनजीसी के अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है.

हादसा ओएनजीसी की तातिपाका रिफाइनरी से कुछ सौ मीटर दूर हुआ. अगर आग रिफाइनरी तक पहुंचती तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था. प्रधान ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री को स्थिति की जानकारी दे दी है. अभी राहत, पुनर्वास और बचाव पर ध्यान दिया जा रहा है."

आंध्र प्रदेश सरकार ने भी मामले की जांच के आदेश दिये हैं. हादसे की वजह से दिल्ली का दौरा बीच में छोड़ने से पहले मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने ट्विटर पर लिखा, "हमने जांच का और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए एक्शन प्लान बनाने का भी आदेश दिया है. हमें सुरक्षा की गारंटी के लिए एहतिहाती कदम उठाने होंगे." राज्य सरकार ने पीड़ित परिवारों को हर तरह की सेवा देने का वादा भी किया है.

गेल के प्रमुख बीसी त्रिपाठी का कहना है, "धमाके के असली कारण का अभी पता नहीं चला है. इसका पता विस्तृत जांच के बाद पता चलेगा." पाइप लाइन में आग की वजह से ओएनजीसी के पावर प्लांटों को गैस नहीं मिल सकी. इसके चलते कोंडापल्ली पावर प्लांट का 1,466 मेगावॉट बिजली उत्पादन बंद हो गया.

आईजीपी नॉर्थ कोस्टल जोन अतुल सिंह के मुताबिक एक चाय बेचने वाला अपना ठेला लेकर जा रहा था, शायद आग उसी के स्टोव से निकली चिंगारी से लगी. लेकिन यह बात भी साफ है कि गैस पहले से लीक हो रही होगी.

ओएसजे/एजेए (पीटीआई)