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उड़नछू महंत से हैरान थाईलैंड

१९ जुलाई २०१३

एक उड़नछू, भगोड़ा महंत थाईलैंड में सुर्खियां बटोर रहा है. ऊंची पहुंच, स्वच्छंदता और हत्या से लेकर नाबालिगों से यौन संबंध जैसे अपराधों के कथित आरोप इस महंत पर हैं.

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तस्वीर: DW/N. Martin

एक महीने पहले तक 33 साल के वीरापोल सुखपोल थाईलैंड के लिए एक अनजान नाम ही था. अब यही शख्स एक बहुत बड़े धार्मिक विवाद के केंद्र में है. पुलिस का कहना है कि  भिक्षु का जीवन बिताने के लिए शपथ लेने के बावजडूद वीरापोल की रुचि शानो शौकत में है. वीरापोल की आलीशान जिंदगी तब सामने आई जब यूट्यूब एक वीडियो में इस  भिक्षु को निजी जेट में सफर करते दिखाया गया. भगवा कपड़ों में बैठे वीरापोल की आंखों पर एवियेटर का स्टाइलिश चश्मा, कानों में वायरलेस हेडफोन और पास में लुई वेटॉन के बैग ने देश में हलचल मचा दी.

वीडियो देख आलोचनाओं की लहर दौर पड़ी और मीडिया ने चुटकियां भी ली, "बोर्डिंग टू एयर निर्वाणा" जैसे हेडलाइन भी लगाए गए. इसके बाद तो रहस्यों की परतें खुलनी शुरू हुईं और पता चला कि वीरापोल के पास करीब 3.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है. इसी हफ्ते उसे पुरोहिताई से हटाने के बाद अधिकारियों ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया. विवाद जब उभरा तब वीरापोल फ्रांस में थे. माना जा रहा है कि अब वह भाग कर अमेरिका चले गए हैं लेकिन फिलहाल कहां हैं इस बारे में कोई पक्की जानकारी नहीं है. गिरफ्तारी के वारंट में उन पर तीन आरोप लगाए गए हैं इनमें नाबालिग के साथ बलात्कार, धोखाधड़ी और दान मांगने के लिए ऑनलाइन धोखाधड़ी करना शामिल है. टैक्स चोरी के लिए रुपयों के हेरफेर, सड़क हादसे में टक्कर से हुई मौत के मामले में नरहत्या, नशीली दवाओं की तस्करी जैसे मामलों में भी वीरोपाल के खिलाफ जांच चल रही है.

थाईलैंड की प्रमुख जांच एजेंसी डिपार्टमेंट ऑफ स्पेशल इनवेस्टिगेशन वीरोपाल के खिलाफ जांच कर रही है. मामले के प्रमुख जांच अधिकारी पोंग इन इंताराखाओ का कहना है, "बीते सालों में ऐसे कई शख्स सामने आए जिन्होंने संन्यासियों की वेशभूषा का दुरूपयोग किया लेकिन कभी किसी भिक्षु को इतने सारे अपराधों में घिरा नहीं पाया गया. हमने ऐसा कभी नहीं देखा कि कोई  भिक्षु थाई समाज के लोगों को इतना नुकसान पहुंचाए."

थाईलैंड में ज्यादातर संन्यासियों का अपराध शराब पीने या महिलाओँ या पुरुषों के साथ शोरगुल करना या खेलना होता है. इन सब की मनाही है. पिछले साल 300 संन्यासियों को इन अपराधों के लिए सजा दी गई या शपथ तोड़ने की वजह से उनका संन्यास वापस ले लिया गया. वीरोपाल के मामले में तो जांच अधिकारियों को मानना है कि वो अभी बस सतह ही खुरच रहे हैं.

थाईलैंड के उत्तरपूर्वी इलाके में गरीब प्रांत उबान रातचतानी में पैदा हुए वीरापोल ने किशोरावस्था में ही  भिक्षु का जीवन शुरू कर दिया. जल्दी ही हवा में उड़ने, पानी पर चलने और आत्माओं से बात करने के करिश्मे दिखा कर स्थानीय लोगों में अपनी धाक जमा ली. वीरापोल ने अपना नाम लुआंक पु नेन खाम रख लिया. ऐसे नाम बुजुर्ग संन्यासियों के रखे जाते हैं.

धीरे धीरे अमीर लोग वीरापोल के संपर्क में आते गए और बौद्ध धर्म के नाम पर खर्चीले काम का सिलसिला चल निकला, बड़े मंदिर, अस्पताल और दुनिया की सबसे बड़ी पन्ना की बनी बुद्ध की मूर्ति बनवाई गई. थाईलैंड में काले धन का कारोबार रोकने वाले विभाग ने वीरापोल से जुड़े 41 बैंक खातों का पता लगाया है. उसके कई बैंक खातों में करीब 64 लाख डॉलर की रकम है जो लगातार आती जाती रहती है. इससे काले धन के कारोबार में वीरापोल के शामिल होने की आशंका मजबूत हुई है. जांच अधिकारियों का कहना है कि वीरापोल तीन साल पहले अपनी वॉल्वो कार से एक शख्स को टक्कर मार कर भाग गया था जिसमें उस शख्स की मौत हो गई.

आलोचकों का कहना है कि वीरापोल बौद्ध धर्म में चल रहे संकट का एक बड़ा उदाहरण है. बौद्ध धर्म के पास संन्यासियों की कमी है और समाज बहुत तेजी से धर्मनिरपेक्ष होता जा रहा है. ध्यान में डूबी रहने वाली संन्यासियों की जीवनशैली शॉपिंग मॉल, स्मार्टफोन और इंटरनेट के दौर में युवाओं को नहीं लुभा रही. 

एनआर/एएम (एएफपी)

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