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इस्राएल हमास के बीच गर्माता संघर्ष

९ जुलाई २०१४

गाजा पट्टी पर जारी इस्राएली हवाई हमलों में अब तक 30 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. 2012 में आठ दिनों तक चले संघर्ष के बाद से इसे अब तक का सबसे बड़ा संघर्ष माना जा रहा है. इस्राएल ने जमीनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी है.

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तस्वीर: Reuters

फलीस्तीनी संगठन हमास की ओर से दक्षिणी इस्राएल में दागे गए रॉकटों के जवाब में इस्राएल ने गाजा पट्टी पर हवाई हमले शुरू किए थे. स्थानीय लोग फलीस्तीनी हमले से घबराए हुए हैं. हवाई हमले शुरू होने के बाद फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस्राएल से हमले रोकने की मांग की थी. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदायों से भी संघर्ष को बढ़ने से रोकने के लिए हस्तक्षेप की अपील की.

जून में एक फलीस्तीनी किशोर मुहम्मद अबु खादेर की हत्या को उससे पहले तीन इस्राएली युवाओं के अपहरण और उनकी मौत के बदले के रूप में देखा गया. इसके बाद से ही इस्राएल और हमास के बीच तनाव बढ़ गया है.

अंतरराष्ट्रीय चिंता

अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई अरब देशों ने हमास और इस्राएल के बीच जारी हिंसा पर चिंता जताई और हमलों को फौरन रोकने की मांग की है. दोनों पक्षों से किसी भी तरफ से पीछे हटने के संकेत नहीं मिले हैं. इस्राएल कह चुका है कि वह जमीनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.

Israel Angriff auf Gaza 09.07.2014
तस्वीर: Reuters

इस्राएली विदेश मंत्री ने भी गाजा पट्टी पर हमलों की नंदा करते हुए पश्चिमी देशों से अपील की है कि वह मानव आपदा को रोकने के लिए आगे आएं. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मार्जीह अफखाम ने कहा, "बदकिस्मती से हम जायनिस्टों (यहूदी समर्थकों) द्वारा फलीस्तीन के मासूम और निहत्थे लोगों पर हिंसक हमलों को बढ़ता हुआ देख रहे हैं." उन्होंने आगे कहा, "हम पश्चिमी देशों और जायनिस्टों के समर्थकों से सख्त कदम की उम्मीद करते हैं ताकि हमलों को रोक कर मानव आपदा से बचा जा सके."

जमीनी कार्रवाई का खतरा

इस्राएल अब तक 430 ठिकानों पर हवाई हमले कर चुका है. जवाबी कार्रवाई में हमास के लड़ाकों ने 117 रॉकेट दागे. इनमें से कई ने यरूशलम, तेल अवीव और हदेरा तक करीब 116 किलोमीटर दूर स्थित इलाकों को भी प्रभावित किया.

संघर्ष में अब तक 32 फलीस्तीनियों के मारे जाने की बात सामने आई है. इनमें लड़ाकों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. 230 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. हमले में अपने परिवार के छह सदस्यों को खो बैठे यूनिस हम्द ने कहा, "हमने तो रॉकेट देखा भी नहीं जो ऊपर से आकर गिरा. इसमें वे सब मारे गए." उनके पड़ोसी यासिर अबू अवदा का भी घर तहस नहस हो गया. उन्होंने कहा, "यह मासूम बच्चों और नागरिकों की बर्बादी है और कुछ नहीं. सारी दुनिया बस बैठ कर देख रही है. कोई कुछ नहीं कहता, न अरब और न मुसलमान. हम घेर लिए गए हैं और किसी को कोई परवाह नहीं."

एसएफ/एजेए (एएफपी)