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नजरबंदी या सामुदायिक सेवा

२ अगस्त २०१३

इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी टैक्स की धोखाधड़ी वाले मामले में अंतिम अपील हार गए हैं. इस फैसले ने इटली की गठबंधन सरकार की जड़ें हिला दी हैं. बैर्लुस्कोनी की पार्टी सरकार को समर्थन दे रही है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

इटली की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को अरबपति कारोबारी को उनके 20 साल के राजनीतिक करियर में पहली बार किसी मामले में अंतिम रूप से दोषी पाया. बैर्लुस्कोनी का राजनीतिक जीवन कानूनी पचड़ों और सेक्स स्कैंडलों में उलझा रहा है. अदालत ने तीन बार प्रधानमंत्री रहे 76 वर्षीय बैर्लुस्कोनी को उनका संसदीय विशेषाधिकार समाप्त होने के बाद एक साल की सामुदायिक सेवा करने या नजरबंद रहने की अभूतपूर्व सजा सुनाई. सर्वोच्च अदालत ने बैर्लुस्कोनी को राजनीति से बाहर निकाले जाने का मामला वापस हाईकोर्ट को भेज दिया है. यह फैसला होने पर वे 1994 के बाद पहली बार संसद के सदस्य नहीं रहेंगे.

ऐतिहासिक फैसला

बैर्लुस्कोनी को शायद उनकी उम्र के कारण सजा जेल में नहीं काटनी पडे़गी और राजनीतिक पद से वंचित किए जाने का मामला भी फिर से निचली अदालत में है, लेकिन फिर भी यह सजा बैर्लुस्कोनी के लिए गहरा धक्का है. 5स्टार मूवमेंट के नेता और बैर्लुस्कोनी विरोधी बेप्पे ग्रिलो ने कहा, "उनको सजा मिलना बर्लिन दीवार गिरने जैसा है."

Silvio Berlusconi
सिल्वियो बैर्लुस्कोनीतस्वीर: imago/Milestone Media

फैसले पर कड़वाहट दिखाते हुए बैर्लुस्कोनी ने गुरुवार को एक वीडियो संदेश में अदालत के फैसले को आधारहीन बताया और कहा कि वे अपना राजनीतिक जीवन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, "पिछले 20 साल में मैंने अपने देश के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है और मेरे सक्रिय जीवन के अंत में मुझे आरोपों और एक ऐसी सजा से नवाजा गया, जिसका कोई आधार नहीं है." उन्होंने कहा कि सजा ने उनकी व्यक्तिगत आजादी और राजनीतिक अधिकार छीन लिए हैं.

बैर्लुस्कोनी के समर्थकों और विरोधियों ने अदालत के बाहर और उनके घर के बाहर छोटे छोटे प्रदर्शन किए. पुलिस ने रास्तों की नाकेबंदी कर दी थी. बैर्लुस्कोनी विरोधियों ने अदालत का फैसला आते ही उसका जोरदार शोर के साथ स्वागत किया जबकि बैर्लुस्कोनी समर्थकों ने फैसले के बाद झंडे झुका लिए. पूर्व प्रधानमंत्री के वकीलों ने उनके खिलाफ मुकदमों को हमेशा ही राजनीति से प्रेरित बताया है. सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद उन्होंने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ यूरोपीय मानवाधिकार अदालत में जाने की संभावना पर विचार कर रहे हैं.

फैसले के बाद राजनीतिक उथल पुथल की आशंका झेल रहे प्रधानमंत्री एनरिको लेटा ने देश के हित में शांति बनाए रखने की अपील की है. उनकी सरकार को समर्थन दे रही पार्टियों में बैर्लुस्कोनी की फ्रीडम पार्टी भी शामिल है. पूर्व प्रधानमंत्री ने फैसला आने से पहले बार बार कहा था कि वे सरकार से समर्थन वापस नहीं लेंगे. गुरुवार को वीडियो संदेश में कैबिनेट का जिक्र नहीं किए जाने को राजनीतिक विश्लेषक सकारात्मक संकेत मान रहे हैं.

Italien Silvio Berlusconi Disco mit Karima El Mahroug in Mailand
जान का जंजाल बनी सेक्स पार्टियांतस्वीर: Reuters

गिर गिर कर संभलते

बैर्लुस्कोनी की सजा की शर्तों पर फैसला आना अभी बाकी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें राजनीतिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए अभियोक्ताओं की अनुमति की जरूरत होगी. उनके सरकारी पद संभालने पर रोक लग सकती है. हर हालत में सजाओं पर अमल से पहले सीनेट को उनका संसदीय विशेषाधिकार उठाना होगा. इसमें राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए हफ्तों या महीनों लग सकते हैं. फरवरी में हुए चुनावों के बाद संसद में बैर्लुस्कोनी की पार्टी की ताकत की वजह से दो महीने के गतिरोध के बाद ही मौजूदा सरकार बनाई जा सकी थी.

बैर्लुस्कोनी के खिलाफ मुकदमा उनकी कंपनी मीडियासेट द्वारा फिल्म वितरण अधिकार खरीदे जाने को लेकर था. उनके खिलाफ दूसरे मामलों में भी सजा मिलने के बाद उन्होंने अपील अदालत का दरवाजा खटखटाया है. इनमें एक नाबालिग सेक्सकर्मी के साथ सेक्स करना, प्रधानमंत्री के अधिकारों का दुरुपयोग करना और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को नुकसान पहुंचाने के लिए पुलिस तार को लीक करना शामिल है. 2008 में सरकार गिराने के लिए एक सीनेटर को रिश्वत दे अपने समर्थन में करने के आरोप में भी उन पर मुकदमा चल रहा है.

धोखाधड़ी और रिश्वत वाले सभी मामले या तो अपील अदालत ने खारिज कर दिए हैं या समय से पूरा नहीं होने के कारण बंद कर दिए गए क्योंकि इटली की अदालतों में अक्सर मुकदमे बहुत धीमी गति से चलते हैं. राजनीतिक हुनर के माहिर बैर्लुस्कोनी का बार बार राजनीतिक उदय होता रहा है. 2011में सेक्स स्कैंडल और वित्तीय संकट के माहौल में उन्हें प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था लेकिन इस साल हुए चुनावों में उनकी पार्टी एक तिहाई सीटें जीतने में सफल रही.

एमजे/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)

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