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अनुष्का का सपना सच हुआ

१२ नवम्बर २०१२

जब तक है जान फिल्म में अनुष्का शाहरुख खान के साथ आ रही हैं. यश चोपड़ा के अंतिम फिल्म में काम करने के बारे में अनुष्का ने की डीडब्ल्यू से खास बातचीत.

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तस्वीर: DW

वर्ष 2008 में आदित्य चोपड़ा की फिल्म रब ने बना दी जोड़ी में शाहरुख खान के साथ अपना करियर शुरू करने वाली अनुष्का शर्मा ने अपनी दूसरी ही फिल्म बैंड बाजा बारात में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड हासिल किया. अब स्वर्गीय यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी जब तक है जान में वह एक बार फिर शाहरुख के साथ हैं. इस फिल्म में उनके साथ कैटरीना कैफ भी हैं. प्रेम त्रिकोण पर आधारित इस फिल्म से अनुष्का को काफी उम्मीदें हैं. यह फिल्म 13 नवंबर को दीवाली के दिन ही रिलीज हो रही है. इस फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में कोलकाता पहुंची अनुष्का ने डायचे वेले के कुछ सवालों के जवाब दिए. पेश हैं उसके प्रमुख अंश-

आपने अपना करियर यशराज फिल्म्स के साथ शुरू किया. कैसा रहा अनुभव ?

मैं इसके लिए खुद को बेहद भाग्यशाली मानती हूं. मैंने यश जी और उनके बेटे आदित्य चोपड़ा दोनों के साथ काम किया है. मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने यश जी के निर्देशन में बनी आखिरी फिल्म में भी काम किया है. यश जी जैसे निर्देशक के साथ काम करना मुझ जैसी अभिनेत्री के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इस अनुभव और उनसे मिली सीख को शब्दों में पिरोना संभव नहीं है.

आप अकेली ऐसी अभिनेत्री हैं जिसने यश चोपड़ा और आदित्य चोपड़ा दोनों के साथ काम किया है. उन दोनों के कामकाज के तरीके में क्या फर्क है ?

Filmfestival in Kalkutta 2012
तस्वीर: DW

एक निर्देशक के नजरिए से यश जी नारी-पुरुष संबंधों को लेकर बेहद आत्मीय तरीके से प्रेम कहानी बुनते थे. जबकि आदित्य जी की कहानियां किसी व्यक्ति के सिद्धांतों और अच्छाई पर आधारित होती हैं. यश जी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह अपने काम में काफी माहिर और तेज थे. तेज यानी अगर किसी शॉट को 12 घंटे में पूरा करना है तो वह सात-आठ घंटे ही उसे पूरा कर लेते थे. जब तक है जान की शूटिंग के दौरान कश्मीर में कई बार ऐसा ही हुआ कि समय से पहले ही काम पूरा हो गया. वह संतुष्ट नहीं होने पर री-टेक का फैसला भी तुरंत करते थे. लेकिन वह ज्यादा री-टेक नहीं करते थे. उनका मानना था कि कोई भी अभिनेता या अभनेत्री पहले तीन टेक ही बेहतरीन तरीके से दे सकता है. उसके बाद उसमें सुधार की गुंजाइश नहीं रहती.

जब तक है जान में काम करने का प्रस्ताव मिलने पर कैसा लगा था ?

मुझे आदित्य ने अपने दफ्तर में बुला कर इसकी जानकारी दी थी. मुझे खुशी के साथ काफी रोमांच का भी अनुभव हुआ. मैंने सोचा भी नहीं था कि मुझे कभी यश जी के साथ काम करने का मौका मिलेगा. मेरे लिए वह एक बेहद भावुक पल था. हर सुबह सेट पर मेरे पहुंचने से पहले ही वह कैमरे के पास पहले शॉट के लिए पूरी तरह तैयार नजर आते थे. यश जी के साथ काम करना मेरे लिए एक सपने के सच होने की तरह था.

जब तक है जान में आपका किरदार कैसा है ?

मैंने इसमें 21 साल की एक युवती अकीरा राय का किरदार बनाया है. वह प्यार में भरोसा नहीं करती. उसका मानना है कि आपके और काम के बीच कोई और चीज नहीं आनी चाहिए. प्यार भी नहीं. वह डिस्कवरी चैनल में इंटर्नशिप करती है और वहां स्थायी नौकरी पाने का प्रयास कर रही है. वह दुनिया देखना चाहती है और किसी भी चीज से नहीं डरती. वह मानती है कि मर्द और औरत में कोई फर्क नहीं होता.

अभिनय के अलावा आपको क्या पसंद है ?

Filmfestival in Kalkutta 2012
तस्वीर: DW

मुझे यात्राएं करना बेहद पसंद हैं. मैं अजनबियों से मिलना और बातें करना भी पसंद करती हूं. फिल्मों में काम करने की वजह से घूमना तो काफी हो जाता है. इस दौरान नए-नए लोग भी मिलते हैं. मैं इसका लुत्फ उठा रही हूं. निजी तौर पर मुझे बाइक की सवारी पसंद नहीं है. लेकिन इस फिल्म में मैंने लद्दाख की सड़कों पर भी बाइक की सवारी की है.

इस फिल्म में आपके साथ कैटरीना कैफ भी हैं. उनके साथ आपकी केमिस्ट्री कैसी रही ?

बढ़िया रही. अलग देश से आकर हिंदी नहीं जानने के बावजूद इस उद्योग में अपनी पहचान बनाना कोई आसान काम नहीं है. कैरियर के मामले में कैटरीना मुझे सीनियर हैं. मुझे फिल्म उद्योग में अपनी जगह का अहसास है. हम अपनी-अपनी भूमिकाओं में फिट हैं. फिल्म की शूटिंग के दौरान भी हमारे बीच ट्यूनिंग बढ़िया रही. हम आसानी से घुल-मिल गए.

आपकी आने वाली फिल्में क्या हैं ?

मेरी अगली फिल्म विशाल भारद्वाज की मातरू की बिजली का मंडोला है जो अगले साल 11 जनवरी को रिलीज होगी. इसके अलावा अगले महीने आमिर खान के साथ राज कुमार हिरानी की फिल्म पी के की शूटिंग शुरू होगी. अनुराग कश्यप की बांबे वेलवेट भी है. मुझे खुशी है कि मेरे अभिनय को देखते हुए विभिन्न निर्देशक अलग-अलग भूमिकाओं के लिए मुझे चुन रहे हैं.

इंटरव्यूः प्रभाकर, कोलकाता

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन