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अमेरिकी उल्लू तमिलनाडु पहुंचा

१९ जून २०११

वसंत का मौसम आता है तो प्रवासी पंछी दक्षिण से उत्तर की ओर वापस उड़ने लगते हैं. लेकिन अमेरिका से भारत की ओर? ऐसा ही अब तमिलनाडु के नागपट्टनम जिले में देखा गया है.

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तस्वीर: AP

कोलंबस नई दुनिया की खोज में अमेरिका पहुंचा था. नई दुनिया इस बीच इतनी पुरानी हो चुकी है कि वहां से पुरानी दुनिया की खोज की जा रही है. सारी दुनिया में अमेरिकी बेड़े हैं, कोका कोला है, जीन्स हैं. और अब अमेरिकन मॉली आउल नाम का एक विरल प्रजाति का उल्लू तमिलनाडु के नागपट्टनम जिले में पाया गया है.

थेरक्कुपोयगायनाल्लुर गांव में किसान अइयप्पन को अपने धान की खेत में यह घायल पंछी मिला. हो सकता है कि यह पंछी गांव के नाम से आकर्षित हुआ था. बहरहाल, किसान अइयप्पन ने उसके लिए दाना पानी का बंदोबस्त किया, जाहिर है कि रात के दौरान. दिन भर यह पंछी सोता रहा होगा. फिर जब शाम ढली, तो उसे एक पशु चिकित्सक के पास ले जाया गया. इस बीच इस अजूबे पंछी को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है.

भूरी आंखों वाला यह पंछी कैलिफोर्निया में पाया जाता है. अधिकारियों का मानना है कि उसने किसी जहाज में पनाह ली थी. फिर जहाज से उड़कर वह नागपट्टनम तक पहुंचा. वैसे इसकी संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है कि वह कैलिफोर्निया से उड़कर वहां पहुंचा होगा. वैसे भी आजकल परदेस के सफर के लिए पानी के जहाज का इस्तेमाल कौन करता है?

दुनिया में उल्लू की 189 प्रजातियां पाई जाती हैं. अमेरिकन मॉली आउल विरल प्रजातियों में से एक है. नागपट्टनम में साहब उल्लू के आने की बड़ी चर्चा है. आखिर यह पहला मौका है कि कोई अमेरिकी उल्लू इस गांव में आया.

रिपोर्ट: पीटीआई/उभ

संपादन: ओ सिंह

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